Ahmedabad Plane Crash: क्या कॉन्फ़िगरेशन एरर बनी हादसे की वजह? जानें क्या होता है ये तकनीकी गड़बड़ी

 
Ahmedabad Plane Crash: क्या कॉन्फ़िगरेशन एरर बनी हादसे की वजह? जानें क्या होता है ये तकनीकी गड़बड़ी

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 गुरुवार को उड़ान भरते ही क्रैश हो गई। बोइंग 787-8 (VT-ANB) विमान में कुल 242 लोग सवार थे। महज एक मिनट के अंदर विमान ने न तो ऊंचाई पकड़ी और न ही उड़ान की स्थिरता, और कुछ दूरी पर जाकर ज़मीन से टकरा गया। इसके बाद विमान आग के गोले में तब्दील हो गया।

अब विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं – क्या ये कॉन्फ़िगरेशन एरर का मामला हो सकता है?

क्या होता है कॉन्फ़िगरेशन एरर?

कॉन्फ़िगरेशन एरर का मतलब होता है टेकऑफ के दौरान विमान की सेटिंग्स में तकनीकी गड़बड़ी। इसमें कई बातें शामिल हो सकती हैं:

  • कम थ्रस्ट देना

  • फ्लैप्स (Flaps) की गलत स्थिति में होना

  • लैंडिंग गियर न उठाना या समय से पहले टेकऑफ करना

  • स्वचालित सिस्टम के निर्देशों का पालन न होना

अगर टेकऑफ के समय ऐसी कोई भी गलती होती है, तो विमान हवा में उठने से पहले ही असंतुलित हो सकता है और क्रैश हो सकता है।

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Ahmedabad Plane Crash: क्या कॉन्फ़िगरेशन एरर बनी हादसे की वजह? जानें क्या होता है ये तकनीकी गड़बड़ी

ब्लैक बॉक्स बताएगा सच्चाई?

विमान में मौजूद दो प्रमुख रिकॉर्डिंग डिवाइस – FDR (Flight Data Recorder) और CVR (Cockpit Voice Recorder) – को मिलाकर ब्लैक बॉक्स कहा जाता है।

  • FDR विमान की गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति और पायलट की हर तकनीकी क्रिया को रिकॉर्ड करता है।

  • CVR पायलट की बातचीत, कॉकपिट की आवाजें, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ संवाद को स्टोर करता है।

अगर ब्लैक बॉक्स सही स्थिति में मिला, तो अगले कुछ हफ्तों में AI-171 हादसे के कारणों की प्राथमिक जानकारी सामने आ सकती है।

जांच में कितना समय लगेगा?

  • प्राथमिक रिपोर्ट: 30 दिन के भीतर

  • अंतिम रिपोर्ट: 12–24 महीने तक का समय

  • जांच एजेंसी: भारत की AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau)

ब्लैक बॉक्स के डाटा को एयर ट्रैफिक कंट्रोल, रडार रिकॉर्डिंग और विमान निर्माताओं की रिपोर्ट के साथ मिलाकर जांच की जाती है।

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