Air India Crash: बोइंग ड्रीमलाइनर का सुरक्षा रिकॉर्ड सवालों के घेरे में, जानिए अब तक कितने हादसे

नई दिल्ली, 14 जून 2025 – अहमदाबाद में हुए Air India विमान हादसे के बाद एक बार फिर बोइंग कंपनी के विमानों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बार हादसा बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के साथ हुआ है, जिसे अब तक का सबसे उन्नत और आधुनिक वाइडबॉडी विमान माना जाता रहा है। लेकिन क्या यह पहली बार है जब बोइंग ड्रीमलाइनर किसी बड़े हादसे का शिकार हुआ है? चलिए जानते हैं इसके इतिहास से जुड़ी प्रमुख घटनाएं।
बोइंग विमानों का दागदार अतीत
● दक्षिण कोरिया विमान हादसा (2024)
बोइंग 737-800 विमान दक्षिण कोरिया में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें 180 से अधिक लोग मारे गए। यह 737 मैक्स का ही नया वर्जन था।
● लायन एयर (2018) और इथियोपियन एयरलाइंस (2019)
दोनों घटनाओं में 346 लोगों की मौत हुई थी। हादसे के पीछे MCAS सिस्टम की खराबी पाई गई थी, जिसके बारे में पायलटों को ठीक से प्रशिक्षित नहीं किया गया था।
● FAA ने रोका था संचालन
इन दोनों हादसों के बाद FAA ने ग्लोबल स्तर पर 737 MAX का संचालन रोक दिया था। बाद में इसे अपडेट कर 737-800 के रूप में दोबारा उड़ाया गया।
ड्रीमलाइनर: तकनीकी खूबियों के साथ खामियों वाला विमान
● बैटरी में आग (2013)
लिथियम आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद ड्रीमलाइनर की पूरी फ्लीट को रोका गया था।
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बोस्टन में जापान एयरलाइंस के विमान में आग
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जापान में मिड-एयर इमरजेंसी
● संरचनात्मक कमजोरियां (2024)
इंजीनियर सैम सालेहपुर ने अमेरिकी सीनेट को बताया कि ड्रीमलाइनर में ढांचे की कमज़ोरियां और खराब असेंबली इसके लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। FAA द्वारा जांच अभी भी जारी है।
● कॉकपिट सीट की खराबी (2025)
LATAM एयरलाइंस के ड्रीमलाइनर में कॉकपिट सीट की खराबी के कारण फ्लाइट में अचानक ऊंचाई में गिरावट हुई। इस घटना में 50 लोग घायल हो गए।
9,000 से अधिक मौतें और 6,000 से ज़्यादा दुर्घटनाएं
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक बोइंग विमानों से जुड़ी करीब 6,000 घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें 9,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इनमें से 415 हादसे घातक रहे हैं। दुनिया भर में उड़ान भरने वाले विमानों में 4,000 से अधिक बोइंग 737-800 हैं।
अहमदाबाद हादसे की असली वजह बताएगा ब्लैक बॉक्स
हालांकि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का इस स्तर पर बड़ा हादसा पहली बार सामने आया है, लेकिन इससे पहले इसके कई तकनीकी और संरचनात्मक मुद्दे उजागर हो चुके हैं। ब्लैक बॉक्स की जांच ही यह साफ कर सकेगी कि अहमदाबाद में क्या तकनीकी चूक हुई।