भारत को अंडमान में मिला तेल का खजाना, एनर्जी सेक्टर में आएगी क्रांति

भारत ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर एक बड़ा कदम बढ़ा रहा है। अंडमान सागर में कच्चे तेल का विशाल भंडार मिलने की संभावना जताई गई है, जो देश की अर्थव्यवस्था और एनर्जी सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में इस संबंध में संकेत दिए हैं।
पुरी के अनुसार, अंडमान सागर में 1.84 लाख करोड़ लीटर तक कच्चे तेल का अनुमानित भंडार है, जो गुयाना की तेल खोज के समकक्ष हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह खोज भारत की अर्थव्यवस्था को $3.7 ट्रिलियन से $20 ट्रिलियन तक पहुंचाने की क्षमता रखती है।
अंडमान में खुदाई शुरू, ONGC और ऑयल इंडिया सक्रिय
सरकार ने अनछुए समुद्री क्षेत्रों में तेल खोज को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधार किए हैं। ONGC और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी सरकारी कंपनियों ने अंडमान के गहरे समुद्री क्षेत्र में खुदाई शुरू कर दी है। 2024 में ONGC ने 541 कुएं खोदे, जो पिछले 37 वर्षों में सर्वाधिक हैं।
एनर्जी आत्मनिर्भरता की ओर भारत
वर्तमान में भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकताओं का 85% आयात करता है, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा को कमजोर करता है। अंडमान में तेल मिलने पर आयात पर निर्भरता घटेगी, घरेलू आपूर्ति बढ़ेगी और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी स्थिरता आ सकती है।
भारत बन सकता है ग्लोबल ऑयल प्लेयर
पुरी ने बताया कि जैसे गुयाना ने समुद्री तेल खोज से अपना आर्थिक परिदृश्य बदला, वैसे ही भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि "गुयाना में 43-44 कुएं खोदे गए थे, जिसमें 41वें कुएं में तेल मिला था। हम भी उसी राह पर हैं और उम्मीद है कि जल्द सफलता मिलेगी।"
यह खोज भारत को वैश्विक तेल उत्पादक देशों की सूची में ला सकती है और देश को नई आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगी।