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Antyodaya Diwas 2022: स्वदेशी आर्थिक मॉडल की आवाज बने पं दीनदयाल उपाध्याय, जानें क्यों खास है ये दिवस

 

Antyodaya Diwas 2022: अंत्योदय का अर्थ होता है उत्थान, समाज के अंतिम स्तर तक आर्थिक, सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग का उदय. अंत्योदय शब्द पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने दिया था.

उनके सम्मान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2014 को उपाध्याय जी की 98वीं जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस की घोषणा की थी. साल 2015 से हर साल आधिकारिक तौर पर इस दिवस को मनाया जाता है. सरकार ने अंत्योदय दिवस का एलान किया था.

Antyodaya Diwas 2022 का मुख्य उद्देश्य क्या है

अंत्योदय दिवस की एक अलग महत्वता है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ओर से दिया गया एकात्म भारत का विचार आज भी देश में काफी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा था कि भारत में रहने वाला और इसके प्रति ममत्व की भावना रखने वाला मानव समूह एक जन हैं. उनकी जीवन प्रणाली, कला, साहित्य, दर्शन सब भारतीय संस्कृति है. इसलिए भारतीय राष्ट्रवाद का आधार यह संस्कृति है।

स्वदेशी आर्थिक मॉडल की बने आवाज

पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वदेशी के भी बहुत बड़े समर्थक थे. उनका कहना था कि भारत के लिए एक स्वदेशी आर्थिक मॉडल विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसमें व्यक्ति केंद्र में हो. उन्होंने देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए 'भारतीय अर्थ नीति का अवमूल्यन' और 'भारतीय अर्थ नीति: विकास की एक दिशा' नाम की पुस्तक भी लिखी थी।

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