संसद में तिरंगे के अलवा गाड़ी पर यह झंडा लगा कर पहुँचे फारूक अब्दुल्ला, लोग बोले राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाओ
फारूक अब्दुल्ला भारत के कश्मीर से वरिष्ठ राजनेता है। उनके परिवार ने कश्मीर पर आज़ाद भारत से पहले से राजनीति करते आ रहे हैं। खुद फारूक अब्दुल्ला भी UPA और स्वर्गीय श्री अटल विहारी वाजपेयी की NDA सरकार का हिस्सा रहे हैं। वर्तमान में भी लोकसभा में विपक्ष की तरफ से सबसे वरिष्ठ सांसद हैं। फारूक अब्दुल्ला कई बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे हैं और भारतीय संसद के सदस्य भी हैं। जो भी सांसद चुन कर संसद में आते हैं, तो वह भारतीय संविधान की शपथ लेते हैं।
लेकिन फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में एक ऐसा काम कर दिया जिससे वह आम लोगों के निशाने पर आ गए हैं।नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर से कश्मीर मुद्दे को लेकर विवादों में घिर गए हैं। जम्मू कश्मीर के जिस झंडे को धारा 370 के खत्म होते ही मान्यता खत्म कर दी गई थी, वो फारूक अब्दुल्ला की गाड़ी पर लगा दिखा है। उनकी गाड़ी की फोटो सामने आने के बाद से लोग उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं।
फिल्मकार अशोक पंडित ने नेशलन कांफ्रेंस के नेता की इस कदम की ओलोचना की है। उन्होंने लिखा- फारूक अब्दुल्ला को संसद जाने के दौरान अपने वाहन पर तत्कालीन जम्मू और कश्मीर का राज्य ध्वज का उपयोग करने के लिए संसद से निलंबित कर दिया जाना चाहिए”। ट्विटर यूजर एम के जवाली ने लिखा- जो भारत में धन बटोरने के लिए रहता हो, जिस की फंडिंग विदेश से होती है, जिस का परिवार विदेश मे रहता हो, जिस का दिल पाकिस्तान के लिए धड़कता हो, जिस का जीवन ही आतंकवादियों की पैरवी करने से चलता हो, वो भारत के झंडे को क्यों अपनायेगा”?
पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने इस फोटो को ट्वीट किया है। उन्होंने फोटो शेयर करते हुए लिखा- “तिरंगा नहीं स्वीकार। पूरे जम्मू-कश्मीर में तिरंगा लहरा रहा है लेकिन फारूक अब्दुल्ला को तिरंगा स्वीकार नहीं। फारूक संसद में अपनी गाड़ी पर आज भी जम्मू-कश्मीर का वो झंडा लगाकर पहुंचे जो अब वैध नहीं है”।अशोक श्रीवास्तव ने ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए मनीष ने कहा- कैसा झंडा? 370 खत्म झंडा खत्म। उस कढ़ाई किये हुए कतरन को झंडा कह कर आप उसे असंवैधानिक मान्यता या स्वीकार्यता प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। उस चीथड़े को कोई गाड़ी पर लगाए या पोछे निचोड़े क्या फर्क पड़ता है”?
इसी ट्वीट पर शक्ति श्रीवास्तव ने रिप्लाई करते हुए लिखा- “तो गद्दार क्यों नहीं घोषित करते? जेल में डालिये रासुका लगाइये अभी आम आदमी कोई पाकिस्तान का लहरा दे तो तुरंत जेल, नेता क्या सबसे ऊपर हैं”? ब्रजेश पाठक नामक व्यक्ति लिखते हैं शुक्र मनाओ चाय वाला प्रधानमंत्री हैं अगर गाय वाला होता तो फारूक अब्दुल्ला की हरकत पर उनकी संपत्ति जप्त होती, घर पर बुल्डोज़र चलता और गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्यवाही होती मुमकिन होता तो गाड़ी भी पलट सकती थी।
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