मध्य प्रदेश: शादी से बचने के लिए वकील अर्चना तिवारी ने रची गुमशुदगी की कहानी
मध्य प्रदेश की अधिवक्ता अर्चना तिवारी की गुमशुदगी का 13 दिन बाद खुलासा हुआ। शादी से बचने के लिए उन्होंने मौत का नाटक रचा और नेपाल चली गईं। पुलिस ने जांच कर उन्हें लखीमपुर खीरी बॉर्डर से बरामद किया और परिवार को सौंप दिया।
भोपाल, मध्य प्रदेश के कटनी की अधिवक्ता अर्चना तिवारी की रहस्यमयी गुमशुदगी का 13 दिन बाद पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। सामने आया कि पारिवारिक दबाव में एक पटवारी से तय शादी से बचने के लिए अर्चना ने अपनी मौत का नाटक रचा और नेपाल तक जा पहुँची।
इंदौर से कटनी की ट्रेन और अचानक गायब होना
29 वर्षीय अर्चना तिवारी जबलपुर हाईकोर्ट में वकालत करती हैं और बीते एक साल से इंदौर में रहकर सिविल जज परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। 7 अगस्त को रक्षाबंधन पर वह नर्मदा एक्सप्रेस में सवार होकर इंदौर से कटनी जाने निकलीं। लेकिन ट्रेन से वह बीच रास्ते से गायब हो गईं। उनका सामान कोच में ही मिला और मोबाइल व घड़ी जंगल में फेंकवा दी गई ताकि घरवालों को अनहोनी का शक हो।
राज्यभर में सनसनी, नेपाल तक पहुंची वकील
गुमशुदगी ने पूरे मध्य प्रदेश में सनसनी फैला दी। पुलिस ने लगभग 2,000 सीसीटीवी फुटेज खंगाले, नर्मदा नदी व जंगलों में सर्च अभियान चलाया। जांच में पता चला कि अर्चना अपने दोस्तों सारांश जोकचंद और टैक्सी चालक तेजिंदर सिंह की मदद से देश से बाहर निकल गईं। 11 अगस्त को वह नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचीं। भारतीय दूतावास और उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से उन्हें लखीमपुर खीरी बॉर्डर से बरामद कर लिया गया।
शादी से बचने की वजह से रचा प्लान
रेल एसपी राहुल लोढ़ा के मुताबिक, अर्चना के परिजन ने उनका रिश्ता एक पटवारी से तय किया था। लेकिन अर्चना पढ़ाई जारी रखना चाहती थीं और इस शादी से खुश नहीं थीं। इसी दबाव से बचने के लिए उन्होंने दोस्तों के साथ भागने का प्लान बनाया।
पुलिस जांच से स्पष्ट हुआ कि अर्चना ने सब कुछ सोच-समझकर किया था। इस वजह से उनके खिलाफ किसी भी आपराधिक धारा में मामला दर्ज नहीं किया जाएगा।
समाज में सवाल
यह मामला अब केवल पुलिस कार्रवाई तक सीमित नहीं है बल्कि समाज में लड़कियों की स्वतंत्रता, विवाह में दबाव और पारिवारिक अपेक्षाओं को लेकर भी चर्चा का विषय बन गया है। अर्चना को उनके परिवार को सौंप दिया गया है और पुलिस ने केस क्लोज कर दिया है।