उत्तराखंड: कोविड नियमों और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खोले गए 'बद्रीनाथ धाम' के कपाट
चमोली में स्थित भगवान बदरीनाथ के कपाट मंगलवार को सुबह सवा चार बजे ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए गए. कोविड नियमों का पालन करते हुए सादगी से कपाट खोलने का कार्यक्रम हुआ. इस दौरान सीमित संख्या में ही लोग मौजूद रहे. श्रद्धालुओं को आने की अनुमति अभी नहीं होगी. पूरे मंदिर को 20 कुंतल फूलों से सजाया गया है.
ऐसा दूसरी बार हुआ है जब बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के समय सीमित संख्या में ही लोग मौजूद रहे. पुजारी रावल के अलावा धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी, सीमित संख्या में ही हक हकूकधारी और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे. बदरीनाथ मंदिर के कपाट मंगलवार तड़के सुबह पुष्य नक्षत्र और वृष लग्न में ब्रह्ममुहूर्त में 4:15 बजे विधि-विधान व वेद मंत्रोच्चार के बीच खोल दिए गए. सबसे पहले बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार के द्वार को खोले गया.
6 महीने बाद खोले जाते हैं कपाट
बता दें कि उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में चारधामों के नाम से मशहूर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट हर साल छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद अप्रैल-मई में श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं. हालांकि इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते चारधाम यात्रा को राज्य सरकार द्वारा स्थगित किया गया है, जिस कारण श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा.
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