शहीद हेमंत करकरे पर एक बार फिर बरसी भोपाल सांसद, कहा- 'वह नहीं थे देशभक्त'
भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा एक बार फिर 26/11 मुंबई हमले में शहीद हुए ATS चीफ हेमंत करकरे पर विवादस्पद बयान देकर आलोचनाओं से घिर चुकी है. उन्होंने कहा है कि मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे को वह देशभक्त नहीं मानती हैं. बतादें प्रज्ञा भोपाल के टाउन हॉल में मीसाबंदी सम्मान समारोह में बोल रही थीं.
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि एक इमरजेंसी लगी थी 1975 में और एक इमरजेंसी जैसी अवस्था बनी थी 2008 में. जिस दिन मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अंदर किया गया. मैंने स्वयं उस चीज को झेला भी है, देखा भी है और सुना भी है.
सांसद ने आरोप लगाया कि करकरे ने अपनी जांच के दौरान उनके शिक्षक की उंगलियां तोड़ दी थीं. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि झूठे मामले को गढ़ने और झूठे सबूत जमा करने के लिए ऐसा किया गया. उन्होंने कहा कि सच्चे देशभक्त महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी करकरे को देशभक्त नहीं कहते हैं.
हेमंत करकरे पर पहले भी दिया था विवादित बयान
प्रज्ञा ठाकुर ने इससे पहले लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान भी करकरे को लेकर विवादित बयान दिया था. तब भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा था. प्रज्ञा ने कहा था- मैंने कहा तेरा (मुंबई एटीएस चीफ हेमंत करकरे) सर्वनाश होगा. ठीक सवा महीने में सूतक लगा है, जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में इसको आतंकवादियों ने मारा और उसका अंत हो गया था.
कौन हैं हेमंत करकरे?
मुंबई एटीएस के चीफ हेमंत करकरे साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों में शहीद हो गए थे. भारत सरकार ने उन्हें साल 2009 में मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था. अशोक चक्र शांति काल में दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है.
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