भारत की BrahMos Missile से थर्राया पाकिस्तान, चीन के पड़ोसियों ने दी करोड़ों की डील

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष के बाद BrahMos Missile का नाम पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। इस मिसाइल ने पाकिस्तान के रडार सिस्टम को सफलतापूर्वक चकमा देते हुए, उसके सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया। केवल 86 घंटे के भीतर पाकिस्तान भारत के सामने झुकने पर मजबूर हो गया। इस शानदार प्रदर्शन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर BrahMos Missile की मांग में तेजी ला दी है।
17 देशों ने दिखाई खरीदने में रुचि
BrahMos Missile के दमदार प्रदर्शन के बाद फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम सहित करीब 17 देश इसे खरीदने का फैसला कर चुके हैं या बातचीत के अंतिम चरण में हैं। खासतौर पर चीन के पड़ोसी देश इसे रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण हथियार मान रहे हैं।
फिलीपींस को मिला ₹4000 करोड़ का BrahMos ऑर्डर
फिलीपींस ने 375 मिलियन डॉलर (करीब 4000 करोड़ रुपये) का BrahMos Missile सौदा भारत के साथ किया है। इसकी पहली खेप अप्रैल 2024 में फिलीपींस पहुंच चुकी है। तीन बैटरी BrahMos Missile दक्षिण चीन सागर में चीन के खतरे से निपटने के लिए तैनात की जाएंगी।
इंडोनेशिया भी करेगा BrahMos Missile का सौदा
इंडोनेशिया 450 मिलियन डॉलर के BrahMos Missile सिस्टम को खरीदने की योजना बना रहा है। भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद यह सौदा और मजबूती से आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा वियतनाम, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देश भी इस मिसाइल में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
क्यों बढ़ रही BrahMos Missile की वैश्विक मांग?
ऑपरेशन सिंदूर में BrahMos Missile की सटीकता, तेज गति और मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। पाकिस्तान की एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह नाकाम करते हुए इस मिसाइल ने साबित किया है कि यह आधुनिक युद्ध के लिए बेहद प्रभावी हथियार है।
BrahMos Missile की प्रमुख विशेषताएं
भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम BrahMos Missile विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसकी विशेषताएं:
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सुपरसोनिक गति: Mach 2.8 से 3 तक की गति
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मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता: जमीन, हवा, समुद्र से लॉन्च
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रडार से बचने की तकनीक: दुश्मन की एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देने की क्षमता
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उच्च सटीकता: सटीक टारगेटिंग और न्यूनतम त्रुटि
भारत BrahMos Missile के निर्यात को बढ़ावा देकर 2025 तक सैन्य निर्यात से 5 बिलियन डॉलर कमाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसकी सफलता भारत की वैश्विक रक्षा छवि को और मजबूत करेगी।