हर्षा हत्याकांड : शिवमोग्गा जिला पुलिस ने सोमवार को कर्नाटक बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या के मामले में दस आरोपियों के खिलाफ UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम)अधिनियम, 1967 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
हर्षा की हत्या के मामले में आरोपियों के खिलाफ यूएपीए (UAPA) कानून के प्रावधानों को लगाया गया है. 26 वर्षीय बजरंग दल के कार्यकर्ता की कथित झगड़े को लेकर दूसरे वर्ग के एक समूह ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी.
पुलिस ने बताया कि जांच दल ने जांच पूरी कर आरोपियों को को न्यायिक हिरासत में सौंप दिया है. पुलिस ने दस आरोपियों को हिरासत में लेकर सात मार्च तक 11 दिन तक पूछताछ की.
10 आरोपियों में कासिफ, सैयद नदीम, रिहान समेत छह गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड हैं.
हर्षा के पिता ने आरोप लगाया था कि समुदाय विशेष के बदमाशों ने उनके बेटे की हत्या इसलिए की क्योंकि वह बजरंग दल का कार्यकर्ता था. 20 फरवरी को हर्षा की हत्या कर दी गई थी और इसके बाद पिता की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
कर्नाटक पिछले दिनों कॉलेज-स्कूल में हिजाब बैन को लेकर प्रदर्शनों के बीच शिवमोग्गा में यह हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था.
हर्षा की मौत को लेकर शिवमोग्गा में भड़के विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने पथराव करना शुरू कर दिया, हथियारों का इस्तेमाल किया और यहां तक कि वाहनों को आग लगा दी. यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्थिति हाथ से बाहर न हो, पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा. कर्नाटक सरकार ने हर्षा की हत्या और राज्य में हिजाब के विरोध के बीच किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया था.