नहीं रुकेगा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम, हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख का लगाया जुर्माना
कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के चलते दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) की सभी निर्माण गतिविधियों को रोकने का निर्देश देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. अब यह काम आगे भी निरंतर जारी रहेगा. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये (One lakh) का जुर्माना भी लगाया है. आन्या मल्होत्रा की याचिका पर हाई कोर्ट ने 17 मई को सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी की सरकार का यह महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में कर दी गई थी. इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी.
सामाचार एजेंसी एनआई के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर सेंट्रल विस्टा एवेन्यू पुनर्विकास परियोजना की सभी निर्माण गतिविधियों को निलंबित करने का निर्देश देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि यह एक प्रेरित याचिका है. आपको बता देंं कि यह एक जनहित याचिका नहीं थी.
महामारी के दौरान काम रोकने की थी मांग
दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया था कि कोरोना महामारी के चलते सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की मंजूरी नहीं होनी चाहिए. क्योंकि ऐसे में वहां काम कर रहे लोगों की जान को खतरी हो सकता है. मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस याचिका को पहले ही खारिज करने की मांग की थी.वहीं, सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया था कि काम के दौरान कोरोना के सभी नियमों का पालन किया जा रहा है.
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