Chandrayaan-3: रूस ने की भारत के सफल मिशन की कामना, लैंडिंग स्थल का खुद चुनाव करेगा लैंडर

Chandrayaan-3 इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मंगलवार को कहा 'ऑल इज वेल।' चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर भारत इतिहास रचने के बेहद करीब है। अब से कुछ ही घंटों बाद जब भारतीय क्षितिज पर सूर्य अस्ताचलगामी होगा तब, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सूर्य की पहली किरण पहुंचना शुरू करेगी और लैंडर विक्रम अपने आखिरी सफर पर निकलेगा। समय होगा शाम 5.45 बजे। अगर सब कुछ सामान्य रहा तो लगभग 19 मिनट बाद शाम 6.04 बजे मिशन चंद्रयान-3 का लैडर विक्रम,चांद की धरती पर आहिस्ते से अपना मजबूत पांव रखेगा।
लैंडिंग स्थल का खुद चुनाव करेगा लैंडर
तीसरे चरण में लैंडर 6.8 किमी की ऊंचाई से लगभग 800 मीटर नीचे तक आएगा। इसमें लगभग 175 सेकंड का वक्त लगेगा। यहां उसका वेग शून्य हो जाएगा लँडर कुछ देर तक मंडराएगा। लैंडिंग के लिए महत्त्वपूर्ण चरण में सेंसर चांद की सतह पर लेजर किरणें भेजकर जगह का मुआयना करेंगे।
मिशन असाधारण
हम चांद के उस हिस्से पर उतरने जा रहे हैं जहां कोई नहीं पहुंचा।
दक्षिणी ध्रुव के बेहद करीब के वातावरण का अध्ययन करेंगे।
इस क्षेत्र को एक्सप्लोर किया।
चांद पर तापीय संचार कैसे होता इसका अध्ययन करेंगे जो अब तक नहीं हुआ।
पहली बार चांद पर जाना बाकी, पूरा फोकस इसी पर। भूकंपनीयता को अत्यंत संवेदनशील उपकरणों से मायेंगे।
चांद पर लेजर किरणों का प्रहार कर उससे प्राप्त धूलकण और गैसों का अध्ययन करेंगे।
रूस ने की कामना
भारत में रूसी महावाणिज्यदूत ओलेग निकोलाइविच अवदीव ने चंद्रयान-3 की सफलता की कामना की है। उन्होंने कहा कि भारत में हर कोई चंद्रयान-3 की लैंडिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। मुझे यकीन है कि भारत का मून मिशन सफल होगा और रोवर चंद्रमा पर • सुरक्षित रूप से उतरेगा और काम करेगा। यह भारत के लिए एक बहुत ही उपयोगी मून मिशन साबित होगा।