Chandrayaan-3 ने की पहली खोज, चांद की जांच में तापमान की पता चली ये खास बात

 
Chandrayaan-3 ने की पहली खोज, चांद की जांच में तापमान की पता चली ये खास बात

Chandrayaan-3: चंद्रयान 3 में चांद की सतह पर पहली खोज करनी है जिसमें हमारे चंद्रयान ने चांद की सजा का तापमान बताया है, इसके साथ ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर की गई है पहली जांच है जिसे करने वाला भारत पहला देश बना है, इतना ही नहीं इस जांच में कई चौका देने वाले खुला से भी हुए हैं। आखिरकार वह घड़ी आ ही गई जिसका सबको इंतजार था, दरअसल हिंदुस्तान के चंद्रायन 3 ने जानकारियां देना शुरू कर दिया है। और विक्रम लैंडर ने उत्तर भेजना भी शुरू कर दिया है विक्रम लैंडर पर लगा चास्टे ने ध्रुव के आसपास चांद की ऊपरी मिट्टी के तापमान को मापा और चांद की सतह के तापीय व्यापार को भी समझाया है। 

चांद की सतह का तापमान 

आपको बता दें कि विक्रम लैंडर पर लगे चास्टे पेलोड से मिले इसरो ने एक ग्राफ शेयर किया है, इसके मुताबिक चांद की सतह का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस है, और गहराई में जाने पर तापमान तेजी से गिरता है 10 सेंटीमीटर भीतर जाने पर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। यानी चांद की सतह हित को रिटेन नहीं कर पाती है। अब आप ही सोचिए कि जिस जमीन पर आप खड़े हो वहां माइंस 10 डिग्री सेल्सियस तक ठंडी हो और ऊपर तापमान आपके पसीने छुड़ा रहा हो, ऐसे में क्या जीवन आसान है चांद से ऐसे अभी कई राज आने बाकी है। इसरो डाटा का विस्तृत अध्ययन कर रहा है, और ऐसे में चांद पर तापमान को लेकर कई और बड़ी जानकारियां सामने आ रही हैं। 

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अगले 10 दिन रोवर क्या करेगा?

आपको बता दे कि इसरो के एस सोमनाथ ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं, कि अगले बचे हुए 10 दिन में हम सभी प्रयोग पूरे कर ले चंद्रयान-3 का पूरा सदुपयोग कर लिया जाए। प्रज्ञान जहां-जहां पर जाएगा वहां उसे जांच करनी है, उसे चांद की सतह पर मिनरल्स की जांच भी करने होगी रोवर प्रज्ञान भी चांद पर चहल कदमी कर चंद की जानकारियां जुटा रहा है। प्रज्ञान चांद पर घूम रहा है प्रज्ञान को चांद की मिट्टी का परीक्षण भी करना होगा। अभी तक सब कुछ इसरो के प्लान के मुताबिक ही हो रहा है यानी हिंदुस्तान एक के बाद एक कामयाबी की सीढ़ियां भी चल रहा है। 

इसरो भेजेगा अपना पहला अतंरिक्ष यात्री

इसरो भारत में जो पहला अंतरिक्ष यात्री भेजेगा वह इंसान नहीं होगा बल्कि एक रोबोट होने वाला है जो भी महिला रोबोट व्योम मित्र है, इसका मतलब अंतरिक्ष का दोस्त है। इसे फिलहाल बेंगलुरु में रखा गया है इसरो की यह व्योम मित्र देखने में भले ही रोबोट हो लेकिन इसका काम किसी अंतरिक्ष यात्री जैसा ही होगा। इसे इसरो ने साल 2020 में दुनिया के सामने पेश किया था, यही व्योम मित्र अगले साल की शुरुआत में अंतरिक्ष में जाकर इसरो के गगनयान की टेस्टिंग करेगी इस दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमनॉइड रोबोट का पगमा हासिल है। 


 

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