कांग्रेस का ऐतिहासिक फैसला बीजेपी को दिया समर्थन, दीदी बोली विश्वासघात
आप सभी को यह सुन कर आश्चर्य हो रहा होगा की भाजपा की धुर-विरोधी पार्टी कांग्रेस ने भाजपा को समर्थन कैसे दे दिया। एक दूसरे को पानी पी-पीकर कोसने वाली दोनो पार्टी गठबंधन में होगी, जी हां कुछ ऐसी ही खबर हैं। मेघालय में आने वाले समय में चुनाव होना हैं। मेघालय में कांग्रेस पार्टी बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार को अब समर्थन देने की बात कह रही हैं। इस नए राजनीति घटनाक्रम को टीएमसी(TMC) ने कांग्रेस का विश्वासघात बताया है। वहीं कांग्रेस के सांसद और मेघालय प्रभारी ने इस मामले पर कहा कि कांग्रेस राज्य में विपक्ष की भूमिका निभाती रहेगी।
अब ये लोगों की समझ से परे हैं की एक तरफ कांग्रेस सत्तारूढ़ को समर्थन भी देगी और वही दूसरी तरफ सत्ता दल का विरोध भी करेगी। बहरहाल मेघालय में इस समय “कोनराड संगमा” की पार्टी “नेशनल पीपुल्स पार्टी” की सरकार हैं। इस सरकार में पहले से ही बीजेपी शामिल हैं। हाल के दिनों में कई कांग्रेस विधायक पार्टी को छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। राज्य में कांग्रेस पहले से कमजोर हुई हैं और तृणमूल कांग्रेस ही उसे यहां विपक्ष में टक्कर देने के लिए तैयार दिख रही है।
इन्हीं सब घटनाक्रमों के बीच कांग्रेस विधायक दल की एक इमर्जन्सी बैठक हुई थी, जिसमें कांग्रेस ने फैसला किया कि मुद्दों के आधार पर कोनराड संगमा को समर्थन दिया जाएगा। मेघालय कांग्रेस प्रभारी और पार्टी के वरिष्ठ नेता “मनीष तिवारी” ने इस फैसले को लेकर कहा कि कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभाती रहेगी। समर्थन की पेशकश राज्य के विकास के मुद्दों पर हैं।
शुक्रवार की बैठक के बाद, कांग्रेस विधायक दल के नेता, अम्पारीन लिंगदोह ने कहा कि पार्टी उन मुद्दों पर समर्थन करेगी जो आम जनता से संबंधित हैं। इसी बीच लोगों का कहना हैं कि अगर राज्य में इस तरह का निर्णय लिया जा सकता हैं तो क्या देशहित में इस तरह का फैसला नहीं लिया जा सकता क्या? जहां सरकार और विपक्ष दोनों को उन्हें हल करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा- “हम देखेंगे कि सरकार को दिया गया यह प्रस्ताव कैसे काम करता है।
लेकिन उस विपक्ष में हमारी पहचान पहले से ही बहुत धुंधली और भ्रमित करने वाली है”।कांग्रेस ने मुकुल संगमा और तृणमूल में शामिल होने वाले विधायकों के समूह को अयोग्य घोषित करने की मांग की हैं। यह मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है। यदि अध्यक्ष ने उन्हें अयोग्य घोषित करने से इनकार कर दिया, तो तृणमूल राज्य में प्रमुख विपक्षी दल की स्थिति में आ जाएगी और कांग्रेस राज्य विधानसभा में हाशिए पर आ जाएगी।
कांग्रेस पार्टी छोड़कर अपने समर्थक विधायकों के साथ टीएमसी में शामिल हो चुके मुकुल संगमा ने इस मामले को लेकर कहा कि यह इस तथ्य का प्रतिबिंब हैं कि मेघालय राज्य में कांग्रेस पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हैं। वे भ्रम के शिकार हैं, आपको बता चले कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 60 में से 21 सीटें जीती थी। इनमें से दो विधायकों की मौत हो गई और एक एनपीपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद मुकुल संगमा के नेतृत्व में 17 में से 12 विधायकों ने टीएमसी ज्वाइन कर लिया था।
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