कोरोनाकाल में पिछले वर्ष 71 लाख पीएफ अकाउंट हुए बंद: केंद्र सरकार
पिछला साल कोरोना जैसी महामारी के कारण कई परेशान कर देने वाली खबरें सामने लेकर आया. ऐसे में इस बीच कोरोना के कहर से एक और मन को विचलित करदेने वाली खबर सामने आई है. अर्थव्यवस्था पर गहरी मार झेल रहे भारत में कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है.
बतादे, दवा किया जारहा है कि सिर्फ कोरोना के कारण अप्रेल से दिसंबर 2020 के बीच करीब करीब 6.5 फीसदी पीएफ खाते बंद हो गये. ईपीएफओ (EPFO) की माने तो, 71 लाख से ज्यादा पीएफ खाते बंद हो गए हैं. जो दर्शाता है कि कोरोना के कारण किस तरह नौकरी पेशा से जुड़े लोग बेरोजगार हुए हैं.
ईपीएफओ (EPFO) के मुताबिक, बीते साल चले लॉकडाउन के कारण देश में रोजगार की जबरदस्त कमी हुई थी. इससे सबसे ज्यादा परेशानी सैलरी क्लास के लोगों को हुई. सरकारी आंकड़ो की माने तो पीएफ खाता बंद होने वालों की कुल संख्या 70 लाख के पार पहुंच गई है.
गौरतलब है कि इपीएफओ में रजिस्टर्ड करीब 6 करोड़ खाताधारकों में से 66.7 लाख से ज्यादा ऐसे खाते हैं जो वित्तवर्ष 2019 -20 में नए जोड़े गए थे. जबकि कोरोना काल में कुल में से 6.5 फीसदी खातों को बंद करना पड़ा. वहीं इस दौरान पीएफ से अपना पैसा निकालने वालों की संख्या भी 33 फीसदी बढ़ गई थी.
लोग नौकरी चले जाने की सूरत में पीएफ का जमा पैसा निकाल कर अपना गुजारा कर रहे थे. यह जानकारी श्रम व रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में दी.
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