पुण्यतिथि विशेष: रूढ़िवादी विचारों के खिलाफ थे लोहिया, बिना शादी रोमा के साथ गुजारी जिंदगी

 
पुण्यतिथि विशेष: रूढ़िवादी विचारों के खिलाफ थे लोहिया, बिना शादी रोमा के साथ गुजारी जिंदगी

केरल में संविद सरकार के दौरान जब निहत्थे किसानों पर पुलिस ने गोलियां बरसायीं थी। उस वक्त लोहिया इलाहाबाद के नैनी जेल में बंद थे।

इस घटना से आहत लोहिया ने तार भेजकर अपनी ही सरकार से इस्तीफा मांग लिया। जिसे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के बड़े नेताओं ने यह कहते हुए मना किया कि सरकारों में तो गोलियां चलती रहती हैं। उनके इस तर्क से लोहिया काफी आहत हुए और उन्होंने कहा अगर जब सरकारों में गोलियां चलती रहती हैं तो हमारी सरकार कांग्रेस से अलग कैसे है?

पुण्यतिथि विशेष: रूढ़िवादी विचारों के खिलाफ थे लोहिया, बिना शादी रोमा के साथ गुजारी जिंदगी

अपनी ही सरकार से इस्तीफे की मांग करना आजाद भारत में बुनियादी राजनीतिक ईमानदारी का एक बड़ा साक्ष्य है, जो मौजूदा समकालीन नेताओं में दुर्लभ ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। ऐसे थे राममनोहर लोहिया।

खुला विचार का रहने वाले राम मनोहर लोहिया अपनी महिला मित्र रोमा मित्रा के साथ आजीवन लिव इन रिलेशनशिप में रहे। तब के सामाजिक व्यवस्था को देखा जाए तो लिव इन रिलेशनशिप असामान्य बात थी। उसमें भी सार्वजनिक जीवन में रहते हुए इसको स्वीकार भी किया।

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उन्होंने कहा था, “जिंदा कौमें पांच वर्ष इंतजार नहीं करती!” इसलिए उन्होंने ‘विद्रोही समाजवादी’ भी कहा जाता था। यह लोहिया ही थे जिन्होंने चीनी हमले के बाद नेहरू की सरकार को ‘राष्ट्रीय शर्म’ की सरकार कहा था।

लेखक अयूब सैयद अपनी किताब 'ट्वेंट ट्बुलेंट ईयर्सः इनसाइट्स इन टू इंडिय़न पॉलिटिक्स' में लिखते हैं कि लोकसभा चुनाव 1967 के दौरान जब मैं लोहिया का इंटरव्यू लेने गया तो वे मुझे अपने बेडरूम ले गए। जहां उन्होंने मुझसे काफी देर तक बातें की इसी दौरान रोमा को बुलाकर कहा कि वह इस बात का ध्यान रखे कि बातचीत के दौरान ना तो कोई फोन दिया जाए और ना ही डिस्टर्ब किया जाए. रोमा पूरी जिंदगी लोहिया के साथ रही। बिना पत्नी बने, पत्नी के तरह।

https://youtu.be/P5A0IeNfgDY

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