पुण्यतिथि: कौन कट्टर हिंदूवादी नेता बीजेपी को 'कमलाबाई' कहा करते थे?
एक फिल्म में एक व्यक्ति को हजारों मुसलमानों के मौत का जिम्मेदार दिखाया जाता है। इस बात से नाराज होकर वह इस फिल्म का विरोध करते हैं। लेकिन उनकी नाराजगी इस बात को लेकर नहीं थी कि उन्हें हजारों मुसलमानों के मौत का जिम्मेदार बताया गया है।
बल्कि नाराजगी इस बात को लेकर थी कि फिल्म के अंत में दंगों पर उनके चरित्र का दुख प्रकट करना। क्योंकि वह कभी किसी चीज पर दुख प्रकट नहीं करते थे। इस नेता का नाम था बाल ठाकरे। बाल ठाकरे के प्रभावशाली व्यक्तित्व का एक छोटा सा उदाहरण ऐसे समझ सकते हैं कि महात्मा गांधी के बाद अगर किसी के अंतिम यात्रा में ज्यादा भीड़ शामिल हुई है तो वह बाल ठाकरे थे।
बाल ठाकरे मध्य प्रदेश के मराठी बोलने वाले कायस्थ परिवार से आते थे। ठाकरे अपने करियर की शुरुआत 'फ़्री प्रेस जर्नल' में एक कार्टूनिस्ट के तौर पर की। फिर धीरे-धीरे मराठी और हिंदुत्व की राजनीति करने लगे।
बाल ठाकरे राजनीतिक सोच के तहत हिंदुत्व की राजनीति करने वाली बीजेपी के समर्थन में हमेशा खड़े रहे लेकिन
आपातकाल में भी उन्होंने सारे विपक्ष को दरकिनार कर इंदिरा गाँधी का समर्थन किया और 2007 के राष्ट्रपति चुनाव में शिव सेना ने कांग्रेस की प्रतिभा पाटिल और वर्ष 2012 में भी कांग्रेस के बिना कहे वो कांग्रेस उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी के समर्थन में थे।
बाल ठाकरे सिगार और बीयर पीने के शौकीन थे। सार्वजनिक तौर पर शराब पीने से उन्हें कोई परहेज़ नहीं था। बीजेपी को लेकर उनका एक बयान जो हमेशा फेमस रहा 'कमलाबाई (बीजेपी) वही करेगी जो मैं कहूंगा'