Delhi: शाम 5 बजे के बाद डीटीसी बसों में सफर करने से कतराती हैं 77% महिलाएं, इस रिपोर्ट के बाद सुरक्षा पर उठे सवाल

Delhi: महिलाओं के लिए डीटीसी बसों में यात्रा करना सुरक्षित नहीं है, यह बात ग्रीनपीस इंडिया की ताजा रिपोर्ट "राइडिंग द जस्टिस रूट" में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में यात्रा करने वाली 77% महिलाओं का मानना है कि डीटीसी बसें उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
पिंक टिकट योजना से मिली बचत, पर सुरक्षा चिंताएं बरकरार
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 75% महिलाओं ने दिल्ली सरकार की पिंक टिकट योजना के तहत महत्वपूर्ण बचत का अनुभव किया है। इस योजना से कुछ महिलाओं ने सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करना शुरू किया है। सर्वे के अनुसार, इस योजना के बाद 25% महिलाओं ने सार्वजनिक बसों का अधिक इस्तेमाल किया है, जबकि 45% महिलाएं अब भी बसों का उपयोग नहीं करतीं।
शाम में बस यात्रा से बचती हैं महिलाएं
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर मुद्दा शाम के समय अधिक उभरता है। सर्वे में 87% महिलाओं ने माना कि अंधेरा होने के बाद बस स्टॉप पर इंतजार करना उनके लिए असुरक्षित लगता है, और उन्हें 10 मिनट से अधिक इंतजार करना पड़ता है। वहीं, 13% महिलाओं का कहना है कि कभी-कभी उन्हें 30 मिनट तक भी इंतजार करना पड़ता है।
उच्च आय वर्ग की महिलाओं का भी डीटीसी पर भरोसा
दिल्ली में रहने वाली 58% उच्च आय वर्ग की कामकाजी महिलाएं, जो हर महीने एक लाख रुपये तक कमाती हैं, भी डीटीसी बसों से सफर करती हैं। वहीं, निम्न आय वर्ग की महिलाएं सप्ताह में 3 से 5 दिन बस यात्रा करती हैं।
सर्वे में शामिल 510 महिलाओं की राय
यह सर्वे 510 महिलाओं से फील्ड सर्वे और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से किया गया है, जिसमें महिलाओं की बस यात्रा सुरक्षा से जुड़ी कई महत्वपूर्ण समस्याएं उजागर हुई हैं।