दिल्ली को मिलेगी साफ हवा की सौगात: छह नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन, कृत्रिम वर्षा परियोजना को NOC का इंतज़ार

 
दिल्ली को मिलेगी साफ हवा की सौगात: छह नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन, कृत्रिम वर्षा परियोजना को NOC का इंतज़ार

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के अपने मिशन को और मजबूती देने के लिए एक अहम फैसला लिया है। लगभग नौ करोड़ रुपये की लागत से छह नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain) की परियोजना के लिए भी जरूरी NOC प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी कि इन स्टेशनों की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही इनका निर्माण शुरू हो जाएगा। प्रत्येक स्टेशन पर 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और इनकी स्थापना के बाद दिल्ली में कुल निगरानी स्टेशनों की संख्या 46 हो जाएगी।

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JNU, IGNOU और दिल्ली कैंट जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लगेंगे मॉनिटरिंग स्टेशन

इन नए एयर मॉनिटरिंग स्टेशनों को दिल्ली सरकार के 2025-26 के बजट के तहत स्वीकृति मिली है। जेएनयू, इग्नू, दिल्ली कैंट आदि प्रमुख लोकेशंस पर इन स्टेशनों की स्थापना की जाएगी ताकि पूरे शहर में वायु गुणवत्ता की निगरानी और अधिक सटीकता से की जा सके।

कृत्रिम वर्षा परियोजना पर तेजी, जून में ट्रायल की संभावना

सर्दियों में वायु प्रदूषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम वर्षा के ट्रायल की तैयारी में जुट गई है।
पर्यावरण विभाग ने इसके लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), रक्षा मंत्रालय, AAI सहित 13 विभागों से NOC मांगी है।

परियोजना के तहत 5 बार क्लाउड सीडिंग ट्रायल किए जाएंगे, जिनमें हर बार 1 से 1.5 घंटे तक विमानों द्वारा मौसम में कृत्रिम हस्तक्षेप किया जाएगा। ट्रायल मानसून की शुरुआत में, दिल्ली-सोनीपत बॉर्डर जैसे बाहरी क्षेत्रों में संभावित है।

IIT कानपुर करेगा निगरानी और निष्पादन

इस पूरे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी IIT कानपुर को दी गई है, जो न सिर्फ योजना बनाएगा, बल्कि वैज्ञानिक मानकों के आधार पर ट्रायल साइट्स का चयन भी करेगा। अधिकारियों का कहना है कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो एक सप्ताह के अंदर ही पांचों ट्रायल पूरे किए जा सकते हैं।

निष्कर्ष:

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