दिल्ली में ओवरएज वाहनों पर सख्ती, 80 जब्त, पेट्रोल-डीजल पर रोक

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पुराने वाहनों पर अब सख्ती के साथ फ्यूल बैन लागू हो गया है। मंगलवार को इस आदेश का पालन करते हुए अधिकारियों ने 80 से ज्यादा ओवरएज वाहनों को जब्त किया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के तहत अब 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक विभाग के साथ मिलकर एक सख्त प्रवर्तन योजना बनाई है। पहले ही दिन 98 वाहनों की निगरानी हुई, जिनमें से 80 को जब्त किया गया। ये कार्रवाई ट्रांसपोर्ट विभाग, दिल्ली पुलिस और एमसीडी द्वारा संयुक्त रूप से की गई।
कैसे हो रहा है निगरानी और जब्ती:
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रोहिणी सेक्टर-11 और 24 के पेट्रोल पंपों पर एक भी ओवरएज वाहन फ्यूल भरवाने नहीं आया।
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मोतीबाग और पूसा रोड जैसे इलाकों में पंप अटेंडेंट्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
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पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाए गए हैं ताकि नियम का उल्लंघन पकड़ में आ सके।
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हालांकि, कुछ कैमरों ने गलती से वैध गाड़ियों को भी ओवरएज बताया, जिससे भ्रम की स्थिति बनी।
नियम और कार्रवाई:
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सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले के अनुसार, 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन दिल्ली में प्रतिबंधित हैं।
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ELV वाहन मालिकों को 15 दिनों में गाड़ी कबाड़ में भेजनी होगी, या NOC लेकर दिल्ली से बाहर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
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1 नवंबर से यह नीति दिल्ली NCR के अन्य क्षेत्रों में भी लागू होगी।
उद्देश्य क्या है?
विशेष पुलिस आयुक्त अजय चौधरी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है। यह केवल एक दिन की कार्रवाई नहीं, बल्कि निरंतर अभियान रहेगा।