सद्गुरु के नाम पर फर्जी AI वीडियो और इमेज पर दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने AI तकनीक के गलत इस्तेमाल पर सख्त रुख अपनाते हुए सद्गुरु के नाम, छवि और आवाज से जुड़े फर्जी AI कंटेंट को हटाने का आदेश दिया है। यह आदेश ईशा फाउंडेशन और सद्गुरु द्वारा दायर पर्सनैलिटी राइट्स केस के बाद आया है, जिसमें फर्जी वीडियो, ऑडियो और इमेज के जरिए नकली प्रोडक्ट्स और इनवेस्टमेंट स्कीम बेची जा रही थीं।
क्या है पूरा मामला?
ईशा फाउंडेशन ने X (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी करते हुए कहा,
"इन स्कैम्स में फर्जी AI वीडियो, मॉर्फ की गई इमेज और सद्गुरु की गिरफ्तारी जैसे झूठे घटनाक्रम शामिल हैं। इसके जरिए फाइनेंशियल इनवेस्टमेंट का प्रचार किया जा रहा है। हम लगातार इस फेक कंटेंट को हटाने और लोगों को ठगी से बचाने की कोशिश कर रहे हैं।"
Delhi High Court protects Sadhguru's Personality Rights
— Isha Foundation (@ishafoundation) May 30, 2025
The Personality Rights case filed by Sadhguru and Isha Foundation came up for hearing before the Delhi High Court today and the Hon’ble Court issued an interim order directing various online platforms to remove content… pic.twitter.com/Xn7pEA5YY4
कोर्ट का आदेश और डीपफेक तकनीक का खतरा
कोर्ट ने माना कि डीपफेक तकनीक के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए पब्लिक फिगर्स की छवि की सुरक्षा बेहद जरूरी है और इस मामले में त्वरित कार्रवाई अनिवार्य है। यह आदेश डिजिटल युग में व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक अहम मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या हो सकता है अगला कदम?
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर व्यक्तिगत अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ी घटनाओं में और भी तेजी से कार्रवाई की संभावना है।