दिल्ली पुलिस ने तरबूज में छिपकर ले जाए जा रहे 1.75 करोड़ रुपये के गांजे का भंडाफोड़ किया

नई दिल्ली: दिल्ली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने एक ट्रक में तरबूज के नीचे छिपाकर ले जाए जा रहे गांजे का भंडाफोड़ किया। यह मामला दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) द्वारा किए गए एक बड़े ऑपरेशन का हिस्सा था। इस ऑपरेशन के तहत 348.176 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया, जिसकी अनुमानित कीमत 1.75 करोड़ रुपये है।
गांजा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह गांजा आंध्र प्रदेश से दिल्ली लाया जा रहा था और उसे तरबूज के नीचे छिपाकर एक ट्रक में रखा गया था। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि यह तस्करी एक अंतरराज्यीय गांजा तस्करी गिरोह द्वारा की जा रही थी।
21 मई को गिरफ्तारी
20 मई 2025 को ANTF को सूचना मिली कि एक ट्रक भारी मात्रा में गांजा लेकर दिल्ली के सोनिया विहार से गुजरने वाला है। इस सूचना के बाद क्राइम ब्रांच की टीम गठित की गई और 21 मई की रात करीब 2 बजे पुस्टा रोड, सोनिया विहार पर ट्रक को रोका गया।
तरबूजों में छिपाकर रखा गया गांजा
पुलिस ने जब ट्रक की तलाशी ली तो उसमें तरबूजों के नीचे छिपाकर रखे गए 17 प्लास्टिक बैग पाए गए। इन बैग्स में हरे पत्तों जैसा पदार्थ था, जिसे गांजा होने का संदेह था। जांच के लिए मौके पर एफएसएल टीम को बुलाया गया और परीक्षण के बाद यह पुष्टि हुई कि वह पदार्थ गांजा ही था।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान
पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पहले आरोपी का नाम इंतजार मलिक (31 वर्ष) है, जो गाजियाबाद के लोनी का निवासी है और पिछले 4-5 वर्षों से गांजा तस्करी में शामिल था। वह पहले भी आंध्र प्रदेश में NDPS एक्ट के तहत गिरफ्तार हो चुका है। दूसरा आरोपी रिजवान (32 वर्ष) भी लोनी का ही निवासी है और ट्रक ड्राइवर के रूप में तस्करी में शामिल था। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस की जारी जांच
अब पुलिस इस तस्करी नेटवर्क की गहन जांच कर रही है ताकि गांजे के स्रोत, सप्लाई चेन और अन्य संलिप्त व्यक्तियों की पहचान की जा सके।