JNU से उठी बाबरी ढाँचा बनाने की माँग, योगी के सलाहकार बोले यूपी की तरफ मंडराना भी मत

 
JNU से उठी बाबरी ढाँचा बनाने की माँग, योगी के सलाहकार बोले यूपी की तरफ मंडराना भी मत

आजादी के बाद से ही “अयोध्या” विवाद का एक मुख्य केंद्र रहा हैं। लेकिन 9 नवंबर 2019 को भारत की सर्वोच्चय न्यायालय ने इस विवादित जमीन को राम लल्ला विराजमान को सौंपने के हक में फैसला सुनाया था। इतने समय से लंबित फैसले कोमाननीय न्यायालय ने राम लल्ला के हक में दिया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या जी में भूमि पूजन कर राम मंदिर की आधारशिला रखी। पहली बार गर्भगृह पहुँचे प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान राम के सामने दंडवत प्रणाम किया।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) जिसकी छवि एक पोलिटिकल पार्टी के छात्र संगठन ने देश विरोधी कार्य में तब्दील कर दी हैं। फैसला कोई भी हो अगर वो उनके अजेंडे में सही नहीं बैठता तो इस यूनिवर्सिटी के छात्र प्रदर्शन करने लगते हैं। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर से चर्चा में हैं। जेएनयू छात्र संघ में आयोजित एक कार्यक्रम में बाबरी मस्जिद दोबारा बनाने की मांग की गई। वहीं इस बयान को लेकर भाजपा की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

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 दरअसल बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि और बाबरी ढांचे के विध्वंस की बरसी के मौके पर जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा था कि बाबरी मस्जिद का फिर से निर्माण कराया जाए। भाजपा प्रवक्ता ने किया ट्वीट: साकेत मून ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि बाबरी ढाँचे को गिराना गलत था तो फिर पूरी जमीन पर मंदिर बनाने का ही फैसला क्यों दिया गया। आपको बता दे की भाजपा प्रवक्ता और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने बाबरी मस्जिद के फिर से निर्माण की बात करने वालों को तत्काल इलाज देने की बात कही हैं।

JNU से उठी बाबरी ढाँचा बनाने की माँग, योगी के सलाहकार बोले यूपी की तरफ मंडराना भी मत
Source- News 18

जेएनयू में फिर लगे विवादित नारे आपको बता दे की 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी ढाँचा तोड़ा गया था। इस मौके पर बीते 6 दिसंबर को JNU छात्रसंघ ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमें जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून समेत लेफ्ट संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान ”नहीं सहेंगे हाशिमपुरा, नहीं करेंगे दादरी, फिर बनाओ, फिर बनाओ बाबरी” जैसे विवादित नारे भी लगाए गए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “JNU का कोई “बाबर पुत्र” UP की तरफ मंडराता दिखे तो “तत्काल इलाज” के लिए तुरंत सूचित करें – जनहित में जारी !!” जेएनयू के सुर्खियों में रहने को लेकर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस तरह की चीजें जेएनयू में हमेशा सिखाई जाती हैं। वहीं दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने के बारे में सोचने की कोई हिम्मत भी आज कैसे कर सकता है।

https://twitter.com/shalabhmani/status/1468297367325589504?s=20

वहीं साकेत मून ने कहा हाशिमपुरा और दादरी जैसी जगहों पर दंगे हुए। बाबरी में भी यही हुआ था। वहां अन्याय हुआ। इसे दोबारा बनाकर अन्याय को खत्म किया जा सकता है। हालाँकि देखा जाए तो यह सुप्रीम कोर्ट ओफ इंडिया की अवहेलना हैं। अब देखना यह होगा की माननीय सर्वोच्चय न्यायालय इस मुद्दे पर जेएनयू के छात्रों पर कार्यवाही करेंगे की नहीं।

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https://youtu.be/nfBjgXh5150

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