Diwali 2024: 6,000 करोड़ के पटाखों की हुई बिक्री, फिर भी संकट में है शिवकाशी का पटाखा उद्योग

 
Diwali 2024: 6,000 करोड़ के पटाखों की हुई बिक्री, फिर भी संकट में है शिवकाशी का पटाखा उद्योग

Diwali 2024: दीपावली पर देशभर में 6,000 करोड़ रुपये के पटाखे बिकने के बावजूद, तमिलनाडु के शिवकाशी का पटाखा उद्योग गंभीर संकट में है। यह उद्योग, जो लगभग 100 साल पुराना है और देश के लगभग 70 प्रतिशत पटाखों का उत्पादन करता है, इस वर्ष उत्पादन में भारी गिरावट का सामना कर रहा है। शिवकाशी स्थित तमिलनाडु फायरवर्क्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए कुछ प्रतिबंधों और मौसम के प्रतिकूल प्रभावों ने उत्पादन को प्रभावित किया है।

सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंधों से प्रभावित उत्पादन

सुप्रीम कोर्ट ने बेरियम नाइट्रेट, जो पटाखों का एक महत्वपूर्ण घटक है, पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। साथ ही, आपस में जुड़े हुए पटाखों पर भी प्रतिबंध है, जिसके कारण उत्पादन में 30 प्रतिशत तक की कमी आई है। शिवकाशी के कालीश्वरी फायरवर्क्स के ए.पी. सेल्वराजन ने बताया कि इस प्रतिबंध के कारण कई कारखाने महीनों तक बंद रहे और श्रमिक अन्य फैक्ट्रियों में चले गए, जिससे उत्पादन और भी प्रभावित हुआ।

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शिवकाशी में बनते हैं 70 प्रतिशत पटाखे, लगभग 8 लाख लोगों की आजीविका जुड़ी

शिवकाशी में 1,150 पटाखा कारखाने हैं, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 8 लाख लोगों की आजीविका का आधार हैं। हालांकि इस उद्योग पर गंभीर संकट मंडरा रहा है, जिसे देखते हुए इस साल तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा पटाखे खरीदने की अपील की थी। अन्नामलाई ने कहा कि आतिशबाजी से जुड़े पर्यावरणीय मुद्दों को लेकर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है, जबकि पटाखा उद्योग से लाखों लोगों का घर चलता है।

मौसम और दुर्घटनाओं का असर

इस साल शिवकाशी में भारी बारिश ने भी उत्पादन पर बुरा असर डाला, जिससे उत्पादन सामान्य से 25 प्रतिशत तक गिर गया। इसके अतिरिक्त, शिवकाशी के पटाखा उद्योग में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। इस वर्ष शिवकाशी में पटाखा कारखानों में 17 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 54 लोगों की मौत हो गई।

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