21 वर्षों में राजनीतिक अस्थिरता के चलते अबतक 8 सीएम देख चुका है उत्तराखंड, देखें लिस्ट
वर्षों के अथक प्रयासों और कई शहीद आंदोलनकारियों के बलिदान की बदौलत वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश शासित राज्य से हटकर उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया. लंबे समय से अलग पृथक राज्य की मांग कर रही पहाड़ की जनता को पहली बार अपना शासन मिला, लेकिन दुर्भाग्य कहे या विडंबना इस राज्य की राजनीती में कभी भी स्थिरता नहीं आई.
बतादें, 21 साल के उत्तराखंड में अबतक 10 सीएम बदले जा चुके है और अब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफ़े के बाद 11वें मुख्यमंत्री के बनाए जाने की चर्चा भी लगातार ज़ोरो पर है. अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये तो अगले कुछ घंटो में निर्धारित हो जाएगा लेकिन आज हम आपको उन आठ मुख्यमंत्रियो के नाम सहित कार्यकाल की अवधि गिनाने जारहे है जो इस राज्य बागडोर संभाल चुके है.
नित्यानंद स्वामी
सबसे पहले 09 नवंबर 2000 को नित्यानंद स्वामी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने. नित्यानंद स्वामी ने अपना कार्यकाल 29 अक्टूबर 2001 तक ही पूरा किया.
भगत सिंह कोश्यारी
उसके बाद 30 अक्तूबर 2001 को भगत सिंह कोश्यारी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया, जो कि अगले विधानसभा चुनावों में हारने से पहले तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज़ रहे.
नारायण दत्त तिवारी
उसके बाद वर्ष 2002 में विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी को दो मार्च 2002 से सात मार्च 2007 तक उत्तराखंड में अगले पूरे कार्यकाल तक के लिए मुख्यमंत्री बनाए रखा. गौरतलब है की एनडी तिवारी उत्तराखंड के एकमात्र मुख्यमंत्री है जिन्होंने अपना पांच सालों का पूरा कार्यकाल किया.
भुवन चंद्र खंडूरी
2007 विधानसभा चुनावों में जीत के बाद 07 मार्च 2007 को उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने रि. मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया.
रमेश पोखरियाल निशंक
उसके बाद वर्ष 2009 में भारतीय जनता पार्टी ने खंडूरी की जगह पर वर्तमान केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को राज्य की कमान सौंपी, जिनके कार्यकाल की अवधि 27 जून 2009 से 11 September 2011 तक रही.
विजय बहुगुणा
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावो में जाने से पहले एकबार फिर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी पर विश्वास जताया और उन्हें सीएम बनाकर भाजपा ने 2012 में एकबार फिर चुनावी उन्हें दावेदार बनाया लेकिन चुनावों में करारी शिकस्त के बाद 2012 में एक बार फिर सत्ता में कांग्रेस आई जिसमे कांग्रेस ने कद्दावर नेता विजय बहुगुणा को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाकर राज्य की कमान सौंपी. जिनका कार्यकाल महज़ दो वर्षों का रहा और उन्होंने 13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014 तक कुर्सी संभाली.
हरीश रावत
उसके बाद हरीश रावत को कांग्रेस ने उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया। दो साल दो महीने तक मुख्यमंत्री बने रहने के बाद उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. 25 दिन के राष्ट्रपति शासन के बाद 21 अप्रैल 2016 में एक बार फिर हरीश रावत महज एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बने. उसके बाद 19 दिन का राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. तमाम राजनीतिक उठापटक के बाद हरीश रावत 11 मई 2016 से 18 मार्च 2017 तक फिर मुख्यमंत्री बने.
त्रिवेंद्र सिंह रावत
हरीश रावत के बाद 2017 विधानसभा चुनावो में भारी जीत के बाद भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाई जिसमें 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने और कल 9 मार्च 2021 तक वे राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
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