'26 जनवरी हिंसा में लाल किले को आंदोलनस्थल में बदलना चाहते थे किसान': दिल्ली पुलिस
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा करनेवालों का मकसद न सिर्फ इस ऐतिहासिक प्राचीर पर झंडा फहराना और इसे कब्जे में लेने का था बल्कि वे इसे किसान कानून के विरोध में एक आंदोलन स्थल में बदलना चाहते थे. दिल्ली पुलिस ने लाल किला हिंसा मामले में दाखिल अपनी चार्जशीट में चौकाने वाली ये बात कही है.
कैसे रची गई थी लाल किले के अंदर प्रवेश करने की साजिश
26 जनवरी को राजधानी दिल्ली के लाल किले के अंदर और उसके बाहर जमकर हिंसा-तोड़फोड़ हुई थी. किसान आंदोलन की आड़ में देश की ऐतिहासिक और देश के अभिमान माने जाने वाले लाल किले पर तिरंगा झंडे के अपमान किया गया था और उसकी जगह एक अन्य झंडे के साथ-साथ किसानों के संगठन से जुड़े झंडे को फहराया गया था. इस मामले में कई लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और कुछ दिन पहले पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चौंकाने वाला खुलासा किया है. चार्जशीट के मुताबिक, यह सब सोची समझी साजिश का हिस्सा थी.
कब खरीदे गए ट्रैक्टर
पुलिस ने ट्रैक्टरों की बिक्री के लिए राज्य-वार और महीने-वार डेटा उपलब्ध कराने के लिए ट्रैक्टर और मशीनीकरण संघ को लिखा था. पंजाब में 2019 की तुलना में नवंबर 2020 में ट्रैक्टर की बिक्री में 43.53 फीसदी ज्यादा हुई. वहीं जनवरी 2021 (जब हिंसा हुई) में, जनवरी 2020 की तुलना में बिक्री 85.13% ज्यादा हुई.
हरियाणा में नवंबर और दिसंबर 2020 के महीनों की तुलना में बिक्री 31.81% और 50.32% ज्यादा हुई. जनवरी 2021 में, जनवरी 2020 की तुलना में हरियाणा में ट्रैक्टर की बिक्री 48% ज्यादा हुई. चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस साजिश को अंजाम देने में पैसा एक महत्वपूर्ण कारक था.
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