G20 Summit 2023: भारत की पहल पर अफ्रीकन यूनियन G20 का मेंबर बना,प्रस्ताव पास होते ही यूनियन लीडर ने PM मोदी को लगाया गले
G20 Summit 2023: आज से भारत की राजधानी दिल्ली में G20 समिट की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत मंडपम में विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। PM ने अपने उद्घाटन भाषण में मोरक्को भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा दुख की घड़ी में हम मोरक्को के साथ हैं और लोगों की हरसंभव मदद करेंगे।समिट के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने अफ्रीकन यूनियन को G20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा। बतौर अध्यक्ष PM ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी ने PM मोदी को गले लगा लिया।
null#WATCH | G 20 in India | PM Modi at the G 20 Summit says "Before we start the proceedings of G20, I want to express my condolences over the loss of lives due to an earthquake in Morocco. We pray that all injured recover at the earliest. India is ready to offer all possible… pic.twitter.com/ZTqcg11cKI
— ANI (@ANI) September 9, 2023
Watch: PM Modi, US President Biden meet in Delhi pic.twitter.com/N1piHpYiPv
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 8, 2023
दुनिया में भरोसे का संकट पैदा हुआ- पीएम मोदी
PM ने कहा कि कोरोना के बाद विश्व में विश्वास का संकट पैदा हो गया है। यूक्रेन युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। जब हम कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा से विश्वास के इस संकट को भी दूर सकते हैं। ये सभी के साथ मिलकर चलने का समय है। आज हम जिस जगह इकट्ठा हुए हैं, यहां कुछ किमी दूर ढाई हजार साल पुराना स्तंभ है। इस पर प्राकृत भाषा में लिखा है कि मानवता का कल्याण सदैव सुनिश्चित किया जाए। ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने ये संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला है।
चीन, रूस और स्पेन के राष्ट्रपति नहीं पहुंचे
G20 की इस बेहद अहम समिट में कुछ अहम देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं हो रहे हैं। इनमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन शामिल हैं। इसके अलावा स्पेन के सांचेज भी इस समिट में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर दोनों पक्षों में सहमति पर संदेह
पिछले जी-20 समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सदस्य देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। तब रूस और चीन ने अपने आप काे युद्ध के बारे में की गई टिप्पणियों से अलग कर लिया था। एजेंसी के मुताबिक यही चुनौती फिलहाल भारत के सामने भी है। न्यूज एजेंसी कि रिपोर्ट्स के मुताबिक घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग को लेकर अभी तक कोई आम सहमति नहीं बन पाई है।