Gandhi Jayanti 2022:  महात्मा गांधी के विचारों का इन 3 महिलाओं के जीवन पर रहा गहरा असर

 
Gandhi Jayanti 2022:  महात्मा गांधी के विचारों का इन 3 महिलाओं के जीवन पर रहा गहरा असर

Gandhi Jayanti 2022:  हर साल 2 अक्टूबर को पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मनाता है. गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।  आज हम आपको बताते हैं  महात्मा गांधी की के विचारों के बारें में। भारत में कई ऐसी महिलाएं रहीं, जिनके जीवन में महात्मा गांधी के विचारों का गहरा असर रहा और ये महिलाएं उनकी करीबी रहीं। इन महिलाओं ने महात्मा गांधी के रास्ते पर चलना शुरू किया और अपनी जिंदगी उनके विचारों का पालन करते हुए आगे बढ़ाई।  आइये ऐसी 3 महिलाओं के बारे में जानते हैं जो महात्मा गांधी की करीबी रहीं और उनके विचारों से प्रभावित हुईं।

1 सरला देवी चौधरानी (1872-1945)

सरला रविंद्रनाथ टैगोर की भतीजी भी थी।  वो महात्मा गांधी की करीबी रहीं. उन्होंने गांधीवादी विचारों को जीवनभर अपनाया।  उन्हें संगीत और लेखक में गहरी रुचि थी।  सरला मशहूर कवि और लेखक रविंद्रनाथ टैगोर की भतीजी थी। लाहौर में महात्मा गांधी उनके ही घर पर रुकते थे। महात्मा गांधी सरला देवी  को अपनी ‘आध्यात्मिक पत्नी’ बताते थे।

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सरोजिनी नायडू (1879-1949)

सरोजिनी नायडू महात्मा गांधी से काफी प्रभावित रहीं। वे 1895 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड गईं और पढ़ाई के साथ-साथ कविताएं भी लिखती रहीं। उनका पहला कविता संग्रह गोल्डन थ्रैशोल्ड था. उनके दूसरे और तीसरे कविता संग्रह बर्ड ऑफ टाइम तथा ब्रोकन विंग ने उन्हें काफी लोकप्रिय बनाया. सरोजिनी नायडू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष रहीं।

महात्मा गांधी की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने नमक सत्याग्रह की अगुवाई की. उनकी और गांधी की पहली मुलाकात लंदन में हुई थी। जिसे उन्होंने ऐसे बयां किया , ”एक छोटे कद का आदमी, जिसके सिर पर बाल नहीं थे। जमीन पर कंबल ओढ़े ये आदमी जैतून तेल से सने हुए टमाटर खा रहा था। दुनिया के मशहूर नेता को यूं देखकर मैं खुशी से हंसने लगी, तभी वो अपनी आंख उठाकर मुझसे पूछते हैं, ‘आप ज़रूर मिसेज नायडू होंगी। इतना श्रद्धाहीन और कौन हो सकता है? आइए मेरे साथ खाना शेयर कीजिए.”जवाब में सरोजिनी शुक्रिया अदा करके कहती हैं, क्या बेकार तरीका है ये?और इस तरह सरोजिनी और गांधी के रिश्ते की शुरुआत हुई।

3. राजकुमारी अमृत कौर (1889-1964)

राजकुमारी अमृत कौर का शाही परिवार से ताल्लुक था।  वो पंजाब के कपूरथला के राजा सर हरनाम सिंह की बेटी थीं. उनकी पढ़ाई इंग्लैंड में हुई थी. उन्हें महात्मा गांधी की सबसे करीबी सत्याग्रहियों में गिना जाता है. उनकी महात्मा गांधी से मुलाकात 1934 में हुई. इसके बाद राजकुमारी अमृत कौर ने गांधी को कई खत लिखे और नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भी गईं। जब भारत को 1947 में आजादी मिली तो वो पहली स्वास्थ्य मंत्री बनीं। 

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