Ganga Dussehra 2025: काशी के घाटों पर श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब, गंगा स्नान से पापों से मुक्ति की कामना
वाराणसी | गंगा दशहरा के अवसर पर काशी के पवित्र संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, अहिल्याबाई घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट समेत अन्य प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना की। इस दौरान गंगा की महिमा को लेकर 'हर-हर गंगे' और 'जय गंगे मैया' के मंत्र गूंजते रहे।
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि गंगा का धरती पर अवतरण राजा भगीरथ की तपस्या से हुआ था। इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, गंगा स्नान से शारीरिक, वाचिक और मानसिक दोष नष्ट होते हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
गंगा स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। गंगा तट से लेकर बाबा विश्वनाथ के दरबार तक सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यातायात मार्गों पर भी रोक लगाई गई।
मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण
मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। तभी से इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इस साल 5 जून 2025 को गंगा दशहरा मनाया जा रहा है।
स्नान और दान का विशेष महत्व
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पाप नष्ट होते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, गंगा सेवा निधि की ओर से दशाश्वमेध घाट पर भव्य गंगा दशहरा महोत्सव का आयोजन भी किया गया है।
भव्य महाआरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस अवसर पर मां गंगा का वैदिक रीति से पूजन किया गया, तत्पश्चात महाआरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 6 बजे से हुआ।