Pesticide Ban:सरकार ने लगाया खतरनाक कीटनाशकों पर प्रतिबंध, कई किसानों की हो चुकी है मौत

Pesticide Ban:केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 4 कीटनाशकों डाइकोफोल, डाइनोकैप, मिथोमाइल और मोनोक्रोटोफॉस का विक्रय एवं उपयोग प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही अन्य 7 कीटनाशकों के लेबल तथा उसमें उल्लेख की गई फसलों को भी हटाने का निर्णय लिया है। इस आशय की अधिसूचना गत 3 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित राजपत्र में जारी की गई है। यह निर्णय सरकार ने विशेषज्ञ समिति और पंजीकरण समिति के परामर्श से लिया है।
आक्सीफ्यूरो के लिए 19 अगस्त, 2013 को अधिकृत किया
कार्बोफ्यूरॉन - कार्बोफ्यूरॉन के सभी अन्य फार्मुलेशन, 3 प्रतिशत एनकैप्सुलेटेड ग्रेन्यूल (सीजी) कार्बोफ्यूरॉन के सिवाय, फसल लेबल सहित इसके उपयोग को रोका जाएगा।मैलाथियान - ज्वार, मटर, सोयाबीन, अरंडी, सूरजमुखी, भिंडी, बैंगन, फूलगोभी, मूली, शलगम, टमाटर सेब, आम और अंगूर । • क्विनालफॉस - जूट, इलायची और ज्वार । मैंकोजेब - अमरुद, ज्वार, टेपिओका । मूंगफली । आक्सीफ्यूरो के लिए 19 अगस्त, 2013 को अधिकृत किया। था। समिति ने विस्तृत परीक्षण के पश्चात सरकार को 19 दिसंबर 2015 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। कृषि विभाग ने पंजीकरण समिति की सिफारिशों पर 14 अक्टूबर, 2016 को प्रतिबंध आदेश जारी किया था।कालांतर में केन्द्र सरकार द्वारा रिपोर्ट पर विचार कर इस अधिसूचना की सूची में 27 कीटनाशकों को प्रतिबंधित करने के लिए गत 18 मई 2020 को अधिसूचना प्रकाशित की गई थी परन्तु उक्त आदेश को विभिन्न उच्च न्यायालयों में चुनौती दी गई।
पंजीकरण समिति की सलाह पर (प्रतिषिद्ध) आदेश जारी
राजस्थान उच्च न्यायालय ने 21 जुलाई 2020 को अंतरिम आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। इसके पश्चात राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक रिट याचिका के मामले में 18 जनवरी 2023 को गत 21 जुलाई 2020 के अंतरिम आदेश को निष्प्रभावी कर दिया। प्रारूप आदेश के तहत भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की अधिसूचना 15 फरवरी 2023 द्वारा प्रकाशित कर संबंधितों से 30 दिनों के अंदर आक्षेप और सुझाव आमंत्रित किए गए।उक्त अधिसूचना के संबंध में प्राप्त सुझावों पर सरकार ने विचार करने के पश्चात पंजीकरण समिति की सलाह पर कीटनाशी (प्रतिषिद्ध) आदेश 2023 जारी किया, जो राजपत्र में प्रकाशित तिथि से लागू होगा। इससे कुछ कीटनाशकों के पंजीकरण के सभी प्रमाण पत्र रद्द हो जाएंगे और इन कीटनाशकों का विक्रय, वितरण उपयोग प्रतिबंधित हो जाएगा।सभी रजिस्ट्रीकर्ता जिन्हें इन कीटनाशियों के संबंध में प्रमाण पत्र दिया गया है आदेश के प्रकाशन से 6 माह के भीतर केन्द्रीय कीटनाशी बोर्ड और पंजीकरण समिति को लेबल दावों को हटाने के लिए दस्तावेज पेश करेंगे।