Greater Noida के यथार्थ हॉस्पिटल में लिफ्ट अटकी, 16 लोग आधे घंटे तक फंसे रहे

ग्रेटर नोएडा वेस्ट। जहां जिंदगी बचाई जाती है, उसी अस्पताल में 16 लोगों की सांसें आधे घंटे तक अटक गईं। यथार्थ अस्पताल की लिफ्ट अचानक फंस गई और उसमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे तक फंस गए।
यह घटना न केवल मानवता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि लिफ्ट एक्ट के बावजूद लापरवाही का बड़ा उदाहरण भी बन गई है।
हाईप्रोफाइल अस्पताल में हाईलेवल लापरवाही
इस बार कोई हाईराइज बिल्डिंग नहीं, बल्कि एक हाईप्रोफाइल अस्पताल बना लापरवाही का गवाह।
सूत्रों के मुताबिक, लिफ्ट में कोई अलार्म ठीक से काम नहीं कर रहा था, और जब तक मदद पहुंची, तब तक लोगों की हालत बिगड़ने लगी थी।
वीडियो वायरल: फंसे युवक ने मांगी मदद
लिफ्ट में फंसे एक युवक ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो तेजी से वायरल हो गया।
वीडियो में लोगों की घबराहट, पसीना और घुटन साफ नजर आ रही है। युवक ने वीडियो में कहा:
"ये यथार्थ हॉस्पिटल है, यहां इलाज से पहले खुद को बचाना पड़ेगा… आधा घंटा हो गया कोई नहीं आया।"
लिफ्ट एक्ट के बाद भी नहीं सुधरे हालात
उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू होने के बावजूद, यह घटना दर्शाती है कि प्राइवेट अस्पतालों में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा।
क्या मेंटेनेंस रिपोर्ट्स फर्जी हैं?
क्या इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम वाकई फंक्शनल है?
इन सवालों के जवाब अब जरूरी हो गए हैं।
स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से उठी जांच की मांग
घटना के बाद स्थानीय निवासियों और सोशल मीडिया यूजर्स ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई और जांच की मांग की है।
हेल्थ डिपार्टमेंट और लिफ्ट इंस्पेक्शन यूनिट से जवाबदेही तय करने की मांग उठ रही है।
अगर आप भी कभी लिफ्ट में फंस जाएं, तो ये बातें याद रखें:
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शांत रहें और गहरी सांस लें, घबराना स्थिति को और बिगाड़ता है।
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इमरजेंसी बटन या अलार्म प्रेस करें, अधिकतर लिफ्ट्स में ये सुविधा होती है।
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अगर इंटरकॉम या फोन है, तो सुरक्षा स्टाफ से संपर्क करें।
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मोबाइल में नेटवर्क हो तो अपने परिचितों को कॉल करें।
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कभी भी दरवाजा खुद से खोलने की कोशिश न करें, यह खतरनाक हो सकता है।