GST अपील पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अब ITC से कर सकेंगे प्री-डिपॉजिट, टैक्सपेयर्स को मिली राहत

नई दिल्ली।भारत में टैक्सपेयर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक और टैक्सपेयर्स-फ्रेंडली निर्णय दिया है। अब GST अपील दाखिल करने के लिए 10% प्री-डिपॉजिट को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से भी चुकाया जा सकता है। अब तक यह केवल कैश से ही किया जा सकता था।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला गुजरात हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखते हुए सुनाया, जिसमें "याशो इंडस्ट्रीज बनाम राजस्व विभाग" मामले में टैक्सपेयर्स के पक्ष में निर्णय दिया गया था।
क्या था मामला?
GST कानून की धारा 107(6) के तहत किसी भी अपील को दाखिल करने से पहले 10% टैक्स का प्री-डिपॉजिट अनिवार्य होता है।
सरकार का तर्क था कि यह केवल कैश लेजर से किया जा सकता है, लेकिन याशो इंडस्ट्रीज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक ए. रस्तोगी ने तर्क दिया कि:
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CGST की धारा 49(4) के अनुसार Electronic Credit Ledger (ECL) का उपयोग "आउटपुट टैक्स" भुगतान में हो सकता है।
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GST नियम 86(2) और सर्कुलर 172/04/2022 में प्री-डिपॉजिट को दंड या ब्याज नहीं माना गया है।
इसलिए ITC का उपयोग प्री-डिपॉजिट में संभव है। सुप्रीम कोर्ट ने यह तर्क स्वीकार कर राजस्व विभाग की SLP खारिज कर दी।
फैसले से टैक्सपेयर्स को क्या फायदा होगा?
1. कैश फ्लो का दबाव घटेगा
अब टैक्सपेयर्स अपने ITC से प्री-डिपॉजिट कर सकेंगे — कैश लेजर पर निर्भरता नहीं होगी।
2. MSMEs और एक्सपोर्टर्स को राहत
जिनके पास कैश नहीं लेकिन ITC है, वे अपील प्रक्रिया जारी रख सकेंगे।
3. प्रीवियस डिपॉजिट पर रिफंड का रास्ता खुला
जिन्होंने पहले कैश में जमा किया, वे अब रिफंड या समायोजन की मांग कर सकते हैं।
4. कानून की स्पष्टता बढ़ी
फैसले से GST नियमों की विरोधाभासी व्याख्याओं पर विराम लगा।
5. संवैधानिक संरक्षण
कोर्ट ने माना कि प्रक्रियात्मक अड़चनें न्याय तक पहुंच के अधिकार में बाधा नहीं बन सकतीं।
विशेषज्ञ की राय
अभिषेक रस्तोगी ने कहा:
"यह फैसला GST सिस्टम की मूल भावना को बरकरार रखता है और MSMEs को अपील में बड़ी राहत देता है।"
यह निर्णय न केवल टैक्सपेयर्स को सहूलियत देगा बल्कि GST अपीलीय ढांचे जैसे GSTAT में विश्वास को भी बढ़ाएगा।