मोदी सरनेम केस-राहुल की 2 साल की सजा बरकरार, गुजरात HC ने सूरत कोर्ट का फैसला कायम रखा

 
मोदी सरनेम केस-राहुल की 2 साल की सजा बरकरार, गुजरात HC ने सूरत कोर्ट का फैसला कायम रखा

Rahul Gandhi:  गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा- इस केस के अलावा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है।राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।

सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी

कांग्रेस ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा कि हम अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, इस फैसले के 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को राहुल की सांसदी चली गई थी।

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गुजरात हाईकोर्ट ने कहा- इस केस में सजा न्यायोचित


जस्टिस हेमन्त प्रच्छक ने कहा, 'राहुल के खिलाफ कम से कम 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। इस केस के अलावा उनके खिलाफ कुछ और केस फाइल किए गए हैं। एक तो वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है। किसी भी हाल में सजा पर रोक नहीं लगाना अन्याय नहीं है। इस केस में सजा न्यायोचित और उचित है। राहुल गांधी ऐसे आधार पर सजा पर रोक की मांग कर रहे हैं, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। सूरत कोर्ट के फैसले में दखल की आवश्यकता नहीं है। याचिका खारिज की जाती है।'

इन मामलों में भी फिसली राहुल की जुबान

केस-2 : महात्मा गांधी की हत्या को RSS से जोड़ने के लिएराहुल गांधी ने मार्च 2014 में ठाणे जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए RSS पर विवादित बयान दिया था। राहुल पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि आरएसएस के लोगों ने ही महात्मा गांधी की हत्या की थी। इस बयान से विवाद खड़ा हो गया। आरएसएस की भिवंडी इकाई के प्रमुख राजेश कुंटे ने आरएसएस को बदनाम करने के लिए राहुल पर मुकदमा दायर किया। इस मामले में मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है क्योंकि शिकायतकर्ता अभी तक कोई गवाह नहीं ला पाया है। 2016 में गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर अपने हलफनामे में स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को संस्था के रूप में दोषी नहीं ठहराया।

केस-3 : मंदिर में प्रवेश को लेकर राहुल के बयान से विवाददिसंबर 2015 में, असम विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहे थे। इस बीच, राहुल गांधी को बारपेटा सत्र मठ का दौरा करना था, लेकिन बाद में उन्होंने दावा किया कि आरएसएस के लोगों ने उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था। इसके तुरंत बाद, आरएसएस कार्यकर्ता अंजन बोरा ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने महिला श्रद्धालुओं का अपमान किया।

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