ग्वालियर की 18 करोड़ की सड़क बनी ‘सुरंग’, 12 दिन में 8 बार धंसी

 
ग्वालियर की 18 करोड़ की सड़क बनी ‘सुरंग’, 12 दिन में 8 बार धंसी

मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हाल ही में बनी एक सड़क की हालत ने पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 2800 मीटर लंबी इस सड़क का निर्माण स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट के तहत हुआ था, लेकिन बारिश शुरू होते ही 12 दिन के भीतर यह सड़क 8 बार धंस चुकी है। कुछ जगहों पर तो मिट्टी इतनी नीचे चली गई कि सड़क ने सुरंग जैसा रूप ले लिया।

इस प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम ने जैन एंड राय कंपनी को 14.5 करोड़ रुपये में ड्रेनेज का ठेका दिया था, वहीं सड़क निर्माण के लिए HNS कंपनी को 4.09 करोड़ का कांट्रैक्ट दिया गया था। प्रोजेक्ट की कुल लागत 18 करोड़ रुपये से अधिक है। ड्रेनेज के लिए 4 से 7 मीटर गहरे गड्ढे खुदे और फिर उन्हें भरकर सड़क बिछा दी गई, लेकिन पहली ही बारिश में गुणवत्ता की पोल खुल गई।

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सोशल मीडिया पर इस सड़क के फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं। लोग इसे 'गुफानुमा सड़क' और 'मिनरल सुरंग' जैसे नामों से टैग कर रहे हैं।

सरकारी चूक और मिलीभगत की जांच शुरू

हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम के इंजीनियरों ने बिना उचित जांच के काम को पास कर दिया और संबंधित ठेकेदारों को 14 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। इस पर नगर निगम कमिश्नर संघप्रिय गौतम ने इंजीनियरों को नोटिस जारी किया है, जबकि कलेक्टर रुचिका चौहान ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है।

भोपाल का 90 डिग्री ब्रिज भी बना था मजाक का पात्र

कुछ ही समय पहले भोपाल में बना 90 डिग्री मोड़ वाला रेलवे ओवरब्रिज भी विवादों में आ गया था। 18 करोड़ की लागत से बने इस ब्रिज की डिजाइन को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए PWD के 8 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था। साथ ही दोषी निर्माण एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया।

क्या वाकई हो रहा है विकास?

एक तरफ राज्य सरकार दावा कर रही है कि वह मध्य प्रदेश को इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनाना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ करोड़ों की लागत से बने प्रोजेक्टों में ऐसी गंभीर लापरवाहियां सामने आना चिंता का विषय है। सड़क और ब्रिज जैसी बुनियादी संरचनाएं जनजीवन का अहम हिस्सा होती हैं। ऐसे में इस तरह की घटनाएं न सिर्फ वित्तीय अपव्यय को उजागर करती हैं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल उठाती हैं।

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