पूरी दुनिया पर मुसलमानों ने हुकूमत कैसे बना लिया?
मुसलमानों ने अरब के मरुस्थल से शुरू करके अफ्रीका में सहारा मरुस्थल होते हुए यूरोप में पुर्तगाल और स्पेन और तुर्की से लेकर एशिया में अरब और हिन्द-महासागर तक हुकूमत कैसे बना लिया?
तारिक अनवर चंपारणी बताते हैं कि उस समय पूरी दुनिया बुतपरस्ती में डूबा हुआ था और लोग अलग-अलग ख़ुदाओं के सामने नतमस्तक थे। लेकिन मुसलमानों के भीतर एक अल्लाह पर "तवक़्क़ूल" था और उसी तवक़्क़ूल की बुनियाद पर संसाधन के अभाव में भी दुनिया के इतने बड़े हिस्सों तक फैल गया।
बोल्शेविक क्रांति को तो हर कोई जानता है, बड़े फख्र से पढ़ता है। लेकिन वहीं दुनिया के सबसे बड़े हुकूमत रोमन साम्राज्य को एक छोटी सी जमात द्वारा रौंद कर एक नई सियासी व्यवस्था कायम करने वालों को कोई नहीं जानता।
अरब के जनजातीय लोग जिन्हें दुनिया किसी लायक नहीं समझती थी। वहां जब इंकलाब ए मोहम्मदी आया तो फिर देखते देखते अरब के वही बद्दू दुनिया की तारीख़ और तहज़ीब पर अपना ऐसा छाप छोड़े कि रहती दुनिया तक कभी न मिट सकेगा।
उसी तरह जब हज़रत उमर रजी० के दौर-ए-ख़िलाफ़त में मुसलमानों ने रोमन एम्पायर के हरक्यूलिस को हराया तब अबु उबैदा बिन-ज़र्राह को गवर्नर बनाया गया। अबु उबैदा बिन ज़र्राह हरक्यूलिस की उस आलीशान महल में रहते थे। जब हज़रत उमर रजी० ईसाइयों से बैतुल मुक़द्दस की चाभी के लिए यरुशलम पहुँचें तब अबु उबैदा बिन ज़र्राह के घर पर रुके।
हज़रत उमर रजी० ने देखा कि उस आलीशान महल में अबु उबैदा के पास महज़ एक चटाई और एक दरी बिछी हुई थी। जब खाने का वक़्त हुआ तब रोटी, ख़जूर और पानी पेश किया गया। यह देखकर हज़रत उमर हैरान हुए और फूटकर रोने लगे। यह स्थिति रोमन एम्पायर के सबसे अमीर ईलाक़ों में से एक दमिश्क़ को फ़तह करने वाले एक गवर्नर अबु उबैदा बिन ज़र्राह की थी। अल्लाह के नबी स० अ० ने उन्हें 'अमीन-उल-उम्मत' का ख़िताब दिया था।