एक कबाड़ी वाले से महाराष्ट्र के मंत्री पद पर कैसे पहुंचे नवाब मलिक?
नवाब मलिक यह नाम अभी महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। वो नेता जो राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी, लेकिन बाद में वे शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए। भारतीय जनता पार्टी ने एनसीबी और समीर वानखेड़े पर आरोप लगाने के लिए नवाब मलिक की आलोचना की।
चलिए जानते है आखिर कौन हैं मंत्री नवाब मलिक जो समीर वानखेड़े के लिए सिरदर्द बने हुए हैं और हर रोज एक नया आरोप लगा रहे हैं?
कहानी 1984 के लोकसभा चुनाव की महाराष्ट्र के उत्तर पूर्व मुंबई के लोकसभा सीट में गुरुदास कामत भारत के दिग्गज नेता प्रमोद महाजन को 94000 वोट से हराते है। इस चुनाव में एक लड़का को 2500 वोट मिलता है। यह लड़का कोई और नहीं बल्कि नवाब मलिक है।
उद्धव ठाकरे की सरकार में नवाब मलिक अल्पसंख्यक, उद्यम और कौशल विकास का कैबिनेट मंत्री है। साथ ही वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं और पार्टी के मुंबई शहर के अध्यक्ष भी।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले नवाब महाराष्ट्र की राजनीति के मुस्लिम चेहरे के नाम में सबसे आगे है। शुरुआत में नवाब के पिता जब उत्तर प्रदेश से महाराष्ट्र आए थे तब वह कपड़े और कबाड़ का कारोबार करते थे। इस बात को नवाब अब भी बड़े फख्र से बताते हैं।
2005-06 के दौरान मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक को माहिम की जरीवाला चाल पुनर्विकास परियोजना में कदाचार के आरोप में इस्तीफ़ा देना पड़ा था। हालांकि मामला शांत होने के बाद 2008 में नवाब मलिक को मंत्री बनाया गया था।