बसंत पंचमी पर कैसे करें मां सरस्वती की पूजा, इस मंत्र का जरूर करें जाप
आज बसंत पंचमी का पर्व पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. बता दें कि आज के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इतना ही नहीं बसंत पंचमी के आने का संकते खेल-खलिहान देने लगते हैं. खेतों में सरसों के पीले फूल खिल जाते हैं. जिसकी बानगी देखते ही बनती है.
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी के दिन बसंत ऋतु का आगमन होता है. कहते है कि ऋतुराज बसंत का बड़ा महत्व है. कड़कड़ाती ठंड के बाद प्रकृति की छटा देखते ही बनती है. पलाश के लाल फूल, आम के पेड़ों पर आए बौर, हरियाली और गुलाबी ठंड मौसम को सुहाना बना देती है.
यह ऋतु सेहत की दृष्टि से भी बहुत अच्छी मानी जाती है. मनुष्यों के साथ पशु-पक्षियों में नई चेतना का संचार होता है. बसंत को प्रेम के देवता कामदेव का मित्र माना जाता है. इस ऋतु को काम बाण के लिए अनुकूल माना जाता है. वहीं, हिंदू मान्यताओ के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था.
इसलिए हिंदुओं की इस त्योहार में गहरी आस्था है. हालांकि इस दिन नदियों में स्नान का विशेष महत्व है.
इस दिन कैसे करें देवी सरस्वती की पूजा
बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा कर उन्हें फूल अर्पित किए जाते हैं.
इस दिन वाद्य यंत्रों और किताबों की पूजा की जाती है.
इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.
इस दिन पीले चावल या पीले रंग का भोजन किया जाता है.
इन मंत्रों का जाप करें
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नम:.
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम:.
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