IIT कानपुर ने बनाई 50 पैसे की कार्बन चिप, बचेंगी मरीजों की जान

 
IIT कानपुर ने बनाई 50 पैसे की कार्बन चिप, बचेंगी मरीजों की जान

कानपुर: मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आईआईटी कानपुर ने एक अनोखी और बेहद सस्ती तकनीक विकसित की है। यहां के नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्सीबल इलेक्ट्रॉनिक्स के वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसी कार्बन चिप तैयार की है, जो ग्लूकोज की बोतल पर लगते ही मरीज के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगी।

सिर्फ 50 पैसे की लागत, लाखों का फायदा

इस नई चिप की कीमत महज 50 पैसे है, लेकिन इसका लाभ अस्पतालों और मरीजों को लाखों रुपये तक पहुंचा सकता है। यह कैपेसिटी सेंसर तकनीक पर आधारित है और किसी भी ग्लूकोज बोतल पर आसानी से लगाई जा सकती है।

जैसे ही बोतल में ग्लूकोज का स्तर कम होगा, यह चिप डॉक्टर या नर्स को ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए तुरंत अलर्ट भेज देगी। एक डिवाइस से एक साथ 10–12 मरीजों की बोतलों को कनेक्ट किया जा सकता है।

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एयर बबल के खतरे से सुरक्षा

अस्पतालों में अक्सर व्यस्तता के कारण खाली बोतलें समय पर नहीं बदली जातीं, जिससे एयर बबल चढ़ने का खतरा होता है और मरीज की जान पर बन आती है। यह तकनीक ऐसे हादसों को पूरी तरह रोक देगी और डॉक्टर-नर्स को समय रहते अलर्ट कर देगी।

सफल ट्रायल और पेटेंट

वैज्ञानिकों ने इस डिवाइस का 500 से अधिक मरीजों पर परीक्षण किया, जिसमें यह तकनीक 100% सफल साबित हुई। इसके बाद इसका पेटेंट भी फाइल किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले एक साल में यह बाजार में उपलब्ध हो सकती है।

छोटे अस्पतालों के लिए गेमचेंजर

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह तकनीक ग्रामीण अस्पतालों और छोटे नर्सिंग होम्स के लिए बेहद कारगर साबित होगी, जहां स्टाफ की कमी रहती है। चूंकि यह सस्ती और सरल है, इसलिए इसे हर अस्पताल आसानी से अपना पाएगा।

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