Independence Day 2023: 15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता हैस्वतंत्रता दिवस, जानें इसके पीछे का इतिहास
Independence Day 2023: भारत आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृतकाल का गौरवशाली जश्न मनाया जा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। हमेशा की तरह देश की राजधानी दिल्ली का लाल किला आजादी के प्रतिष्ठित समारोहों का गवाह बनेगा। 'आजादी के अमृत महोत्सव' पर विगत बीते वर्ष की तरह इस बार भी हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत सभी घरों में 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराया जाएगा। उआइए हम इसके इतिहास और महत्व को जानते हैं।
स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल ऐसे कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने कई आंदोलनों की शुरुआत की। जिन्होंने किसी न किसी तरह से 90 साल बाद गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने में मदद की। हम इस स्वतंत्रता का श्रेय अपने वीर स्वतंत्रता सेनानियों को देते हैं, जिन्होंने एक बार भी अपनी जान देने में संकोच नहीं किया, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां भारत की खुली हवा में सांस ले सकें।
इतिहास के पन्ने क्या कहते हैं ?
4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय स्वतंत्रता विधेयक पेश किया गया और 15 दिनों के भीतर पारित कर दिया गया। 15 अगस्त 1947 को, भारत पर ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया और इतिहास को चिह्नित किया। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार दिल्ली के लाल किले से तिरंगा फहराया। इसके बाद, हर साल स्वतंत्रता दिवस पर, लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, जिसके बाद प्रधान मंत्री राष्ट्र के नाम एक संबोधन करते हैं।
15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है
4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय स्वतंत्रता विधेयक पेश किया गया और 15 दिनों के भीतर पारित कर दिया गया। 15 अगस्त 1947 को, भारत पर ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया और इतिहास को चिह्नित किया। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार दिल्ली के लाल किले से तिरंगा फहराया। इसके बाद, हर साल स्वतंत्रता दिवस पर, लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, जिसके बाद प्रधान मंत्री राष्ट्र के नाम एक संबोधन करते हैं।
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