India Census 2025: 152 साल का इतिहास, बदल जाएगा पूरा चक्र…क्यों खास है इस बार की जनगणना?

 
India Census 2025: 152 साल का इतिहास, बदल जाएगा पूरा चक्र…क्यों खास है इस बार की जनगणना?

India Census 2025 की शुरुआत होने जा रही है, जो 2026 तक चलेगी। कोविड के कारण जनगणना चक्र में बदलाव आया है, और अगली जनगणना अब 2035 में होगी। यह जनगणना इसलिए खास है क्योंकि भारत विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है, और लोकसभा सीटों का परिसीमन भी इसी पर निर्भर करेगा।

जनगणना की विशेषताएँ

देश में पहली बार जनगणना 1872 में हुई थी, लेकिन 2021 में इसे कोविड के कारण स्थगित करना पड़ा था। अब, 2025 के बाद अगली जनगणना 2035, 2045, 2055 के अनुसार होगी। इस बार की जनगणना कई मायनों में खास है, खासकर इस वजह से कि यह उस समय हो रही है जब भारत ने सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश का गौरव हासिल किया है, जो पहले चीन के पास था।

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जातिगत जनगणना की मांग

विभिन्न विपक्षी दलों की तरफ से जातिगत जनगणना की मांग भी की जा रही है, लेकिन सरकार ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया है। जनगणना में धर्म और वर्ग के साथ-साथ संप्रदाय के आधार पर भी जानकारी मांगी जा सकती है।

उदाहरण के लिए, कर्नाटक में सामान्य वर्ग के लिंगायत स्वयं को अलग संप्रदाय के रूप में मानते हैं।

जनगणना प्रक्रिया के चरण

जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में होती है: मकानों की लिस्टिंग और वास्तविक गणना। 2011 में 640 जिलों, 7,935 कस्बों और 600,000 से अधिक गांवों को शामिल किया गया था।

पूछे जाएंगे 31 सवाल

इस बार लोगों से सर्वे में 31 सवाल पूछे जाएंगे, जिसमें परिवार के सदस्यों की कुल संख्या, परिवार की मुखिया महिला है या नहीं, और उनके पास कौन-कौन से साधन हैं, जैसे टेलीफोन, इंटरनेट कनेक्शन, वाहन आदि शामिल हैं।

परिसीमन की प्रक्रिया

हर जनगणना के बाद परिसीमन किया जाता है, जिससे सुनिश्चित होता है कि संसद और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या नवीनतम जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार समायोजित हो। 2001 के 84वें संवैधानिक संशोधन में कहा गया है कि अगला परिसीमन 2026 के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर ही होगा।

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