India-Pakistan Conflict: 15 ब्रह्मोस मिसाइलों ने उड़ाए पाकिस्तान के एयरबेस, डमी विमान से बिछाया गया था जाल

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर अपनी तकनीकी और सामरिक शक्ति का प्रदर्शन किया। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और राफेल-स्कैल्प मिसाइलों के जरिए पाकिस्तान के 11 एयरबेस को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया।
कैसे रची गई पाकिस्तान को फंसाने की रणनीति?
इस सैन्य ऑपरेशन की शुरुआत डमी (पायलट-रहित) विमानों से हुई, जिन्हें दुश्मन के रडार पर वास्तविक लड़ाकू विमानों की तरह दर्शाया गया।
जैसे ही पाकिस्तानी वायुसेना की HQ-9 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और रडार सक्रिय हुए, भारत ने इजरायली HAROP ड्रोन से कमांड और कंट्रोल यूनिट्स को तबाह कर दिया।
इसके बाद एक साथ दागे गए 15 ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तान की एयर ऑपरेशनल क्षमताओं को लगभग खत्म कर दिया।
ब्रह्मोस मिसाइल: पहली बार ऑपरेशन में हुआ इस्तेमाल
यह पहला मौका था जब ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग किसी सीधे सैन्य संघर्ष में हुआ।
इसका प्रभाव इतना जबरदस्त था कि पाकिस्तान को अपने लड़ाकू विमानों को पीछे हटाना पड़ा। साथ ही, चीनी एयर डिफेंस सिस्टम भी इस हमले में नष्ट हो गए।
पाकिस्तानी जवाब और भारत की S-400 रक्षा प्रणाली
पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में क्रूज मिसाइलें, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग किया, लेकिन भारत की S-400, आकाश और अन्य वायु रक्षा प्रणालियों ने उन्हें आसमान में ही खत्म कर दिया।
पाकिस्तान के इस असफल जवाबी हमले ने यह दिखा दिया कि भारत की एयर डिफेंस नेटवर्क अब दुनिया की अग्रणी प्रणालियों में से एक बन चुका है।
Jamming से लेकर Precision तक: भारत की सैन्य चालें
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डमी विमान + HAROP Drone: इलेक्ट्रॉनिक छलावे और सटीक ड्रोन हमले
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ब्रह्मोस, रैंपेज, स्कैल्प: लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों का समन्वित उपयोग
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Real-time Radar Tracking: पाक मिसाइल तैनाती को ट्रैक कर समय रहते प्रतिक्रिया
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S-400 इंटरसेप्ट: जवाबी हमले को सीमाओं से दूर रोका गया
निष्कर्ष: पाकिस्तान की वायु शक्ति को करारा झटका
भारत द्वारा की गई यह सर्जिकल एरियल स्ट्राइक एक नई सैन्य नीति का संकेत है — अब सीमा पार से आए खतरे पर सटीक और घातक प्रहार किया जाएगा, बिना किसी देरी के।
ब्रह्मोस मिसाइलों का पहली बार युद्ध में उपयोग, डमी विमानों की रणनीति और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर का संतुलन बताता है कि भारत अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि स्मार्ट अटैकर भी है।