इंदु जैन ने निधन से पहले पत्र में लिखा, 'मृत्यु को कह दो कि थोड़ा इंतजार करे'

 
इंदु जैन ने निधन से पहले पत्र में लिखा, 'मृत्यु को कह दो कि थोड़ा इंतजार करे'

टाइम्स ग्रुप की चेयरपर्सन श्रीमती इंदु जैन का बृहस्पतिवार को निधन हो गया. निधन से पहले उन्होंने जीवन को लेकर पत्र लिखकर कहा है कि मैं आराम से जाना चाहती हूं, मृत्यु को धीमे से कह दो कि वो थोड़ा इंतजार करे तब तक मैं अपना तकिया ठीक कर लूं और अपनी रजाई की ऊष्मा में आंख बंदकर थोड़ी झपकी ले लूं.

इसके बाद उन्होंने लिखा कि मुझे इस संसार की उलझनों को सुलझाने की चिंता नहीं है. भौतिक बंधन खुलने लगे हैं क्योंकि मैं अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने से पहले आखिरी पड़ाव की ओर आकर्षित होने लगी हूं. फिर उन्होंने लिखा कि बनारस नहीं, मेरा आखिरी पड़ाव इस सांसारिक चीख-पुकार से कहीं दूर, कोई शांत आश्रम में ही होगा.

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इंदु जैन ने अपने निधन से पहले एक ऐसा पत्र लिखा है जिसे पढ़कर हर किसी की आखें नम हो जाएंगी. उन्होंने पत्र में लिखा है कि मृत्यु तो जीवन जीने की कला का विस्तार ही होना चाहिए. मुझे आरामतलब जिंदगी जीने का सौभाग्य मिला है. मेरे जीवन का हरेक पहलू संतोष से जगमगाता रहा. मुझे कभी किसी चीज के लिए तरसना नहीं पड़ा है. फिर उन्होंने पत्र में लिखकर बताया कि मेरी जिंदगी के हिस्से जो कभी नहीं आया, वो है दुख, उदासी, असंतोष.

मैं मृत्यु का उत्सव से करूंगी स्वागत: इंदु जैन

आगे उन्होंने पत्र में लिखा कि मेरे मित्र मेरे प्रस्थान को लेकर तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने सभी लोगों को साफ कह दिया कि मुझे सच में जानने वाले मेरे करीबियों को संत्वाना का शोर नहीं चाहिए. उन्हें पता है कि मैं मृत्यु का भी उसी उत्कर्षपूर्ण उत्सव से स्वागत करूंगी जैसा कि जीवन को गले लगाया था.

फिर उन्होंने पत्र में लिखा कि चेतना संघ में मेरे गुरु हैं जिन्होंने संवारा और इतना लाड़-प्यार दिया. उन्होंने लिखा कि कई बार मुझे उनके बारे में सोचकर हंसी आती है कि लोग मेरी मृत्यु का विलाप करेंगे. गलत बात! वे वो लोग जानके ही नहीं कि वहां जाने को लेकर कितनी उत्साही हूं.

मेरे प्रस्थान की जानकारी किसी को न दी जाए

पत्र के अंत में उन्होंने लिखा कि अगर कोई आखिरी इच्छा होती है तो मैं चाहती हूं कि मेरे प्रस्थान की जानकारी किसी को न दी जाए. साथ ही उन्होंने लिखा कि किसी को पूछने की जरूरत नहीं, "इंदु कहां हैं? आश्रम के लोग जो सर्वोपयुक्त समझेंगे, उसके अनुसार शरीर के आत्माविहीन आवरण का अंतिम संस्कार करेंगे. उन्होंने अपने गुरू को लेकर लिखा कि मुझे पता है कि मेरे गुरु जहां भी हैं, वो हमारे आसपास होंगे जिसके बाद मैं उड़ जाऊंगी, धधकती आग, पृथ्वी, जल, वायु और अंतरिक्ष को चीरते हुए.

https://twitter.com/narendramodi/status/1392894218889138176

वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर संवेजना प्रकट की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि टाइम्स ग्रुप की चेयरपर्सन श्रीमती इंदु जैन जी के निधन से दुखी हूं. उन्हें उनकी सामुदायिक सेवा पहलों, भारत की प्रगति के प्रति जुनून और हमारी संस्कृति में गहरी रुचि के लिए याद किया जाएगा. मोदी ने लिखा कि मुझे उनके साथ अपनी बातचीत याद है. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है. ओम शांति

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