भारत में बीमा प्रीमियम की बढ़ोतरी, सरकार ने कंपनियों को दी चेतावनी

 
भारत में बीमा प्रीमियम की बढ़ोतरी, सरकार ने कंपनियों को दी चेतावनी

ई दिल्ली: भारत में बीमा प्रीमियम का खर्च तेजी से बढ़ रहा है, और यह सिर्फ स्वास्थ्य बीमा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कार और घर के बीमा भी प्रभावित हुए हैं। स्विट्ज़रलैंड के 'स्विस री इंस्टीट्यूट' की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में गैर-जीवन बीमा (स्वास्थ्य, कार, घर) का प्रीमियम दुनिया के मुकाबले दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगा। इस पर सरकार ने बीमा कंपनियों की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं।

बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी का कारण:

हाल ही में, सरकार ने बीमा नियामक संस्था IRDAI को निर्देश दिया है कि वह प्रीमियम की बढ़ोतरी को लेकर शिकायतों की जांच करे। कई शिकायतें आ रही हैं कि शहरों के हिसाब से प्रीमियम तय करना, और बिना क्लेम वाले ग्राहकों के प्रीमियम को 20-30% बढ़ा देना अनुचित है। इसके अलावा, कार बीमा का प्रीमियम भी 18-25% तक बढ़ाया जा सकता है, जैसा कि IRDAI ने सुझाव दिया है।

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चिंता का कारण बन रही कंपनियों की मनमानी:

  • छोटे शहरों में इलाज सस्ता होने के बावजूद, प्रीमियम महानगरों जितना बढ़ा दिया गया है।

  • जिन ग्राहकों ने कभी क्लेम नहीं लिया, उनका प्रीमियम भी 20-30% बढ़ा दिया गया।

  • कुछ कंपनियां बीमा के बाद बीमारियों के इलाज पर लिमिट लगा देती हैं।

  • सरकारी कंपनियां 100% क्लेम मंजूर करती हैं, जबकि निजी कंपनियां 25-30% क्लेम रद्द कर देती हैं।

नए रिपोर्ट के अनुसार:
स्विस री इंस्टीट्यूट ने 10 देशों का अध्ययन किया, जिसमें भारत का बीमा प्रीमियम बढ़ोतरी के मामले में वैश्विक औसत से दोगुना है। भारत में 2024 में 6.8% की बढ़ोतरी की उम्मीद है, जबकि 2025-26 में यह बढ़ोतरी 8.8% तक पहुँच सकती है, जो पूरी दुनिया में सबसे अधिक होगी।

रिपोर्ट में क्या कहा गया:
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बीमा प्रीमियम की बढ़ोतरी का मुख्य कारण है बीमा कंपनियों का बढ़ता खर्च और क्लेम की संख्या में वृद्धि। साथ ही, एशिया में बीमा बाजार की बढ़ती मांग और भारत का अहम योगदान इस बढ़ोतरी का कारण है। चीन में प्रीमियम बढ़ोतरी की दर आधी होने की उम्मीद है, जो भारत के मुकाबले बहुत कम है।

अन्य देशों में प्रीमियम बढ़ोतरी का अनुमान:
रिपोर्ट में अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, और यूके समेत अन्य देशों में बीमा प्रीमियम में होने वाली बढ़ोतरी का अनुमान भी प्रस्तुत किया गया। भारत में यह बढ़ोतरी सबसे अधिक 8.8% तक होने का अनुमान है, जबकि चीन में यह केवल 4.1% रहने का अनुमान है।

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