ईरान-इज़रायल युद्ध: तेल अवीव पर कहर, 78 की मौत और 350 घायल

इज़रायली वायुसेना ने शुक्रवार देर रात ईरान के परमाणु ठिकानों पर दोबारा हमला किया। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इज़रायल की वाणिज्यिक राजधानी तेल अवीव सहित कई शहरों को निशाना बनाया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ईरान के राजदूत ने बताया कि अब तक 78 लोग मारे जा चुके हैं और 350 से अधिक घायल हुए हैं।
तेल अवीव और यरुशलम के आसमान में सायरन और धमाके
ईरान द्वारा लंबी दूरी की मिसाइलों से जवाबी हमला किए जाने के बाद शनिवार सुबह यरुशलम और तेल अवीव के आसमान में सायरन की आवाज़ें और जबरदस्त विस्फोट सुने गए। माना जा रहा है कि ये विस्फोट इज़रायल की आयरन डोम रक्षा प्रणाली द्वारा मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने के कारण हुए।
ईरान का ऑपरेशन: तीसरे चरण की शुरुआत
ईरान ने अपने जवाबी हमले को ‘ऑपरेशन के तीसरे चरण’ का हिस्सा बताया है। इससे पहले के चरणों में भी कई रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया गया था। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने ऑपरेशन की पुष्टि की है।
अब तक 150 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं
ईरान ने अब तक लगभग 150 बैलिस्टिक मिसाइलें इज़रायल की ओर दागी हैं। एएनआई ने ‘द टाइम्स ऑफ इज़रायल’ के हवाले से इसकी पुष्टि की है। ईरान ने इन हमलों को तेहरान सहित अपने प्रमुख शहरों पर इज़रायल की "आक्रामक हत्याओं" के जवाब में बताया।
तेल अवीव में सबसे ज़्यादा तबाही
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ईरानी मिसाइलों का सबसे ज़्यादा विनाशकारी प्रभाव तेल अवीव में देखा गया।
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एक मिसाइल ने 50 मंजिला इमारत को निशाना बनाया, जिससे जबरदस्त विस्फोट और आग लगी।
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इज़रायली चैनल 13 ने इसे "अभूतपूर्व तबाही" करार दिया।
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रमत गन क्षेत्र में 9 इमारतें पूरी तरह ध्वस्त, सैकड़ों अन्य क्षतिग्रस्त।
हवाई अड्डे पर भी हमला, कई शहरों में आग
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तेहरान के मेहराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आग लगने की पुष्टि अर्ध-सरकारी ‘तस्नीम’ एजेंसी ने की है।
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ग्रेटर तेल अवीव के जाफ़ा और डैन इलाकों में भीषण आग लगी है।
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आपातकालीन टीमें बहुमंजिला इमारतों में फंसे लोगों को निकालने में जुटीं हैं।
सुरक्षा के लिए नागरिकों से घरों में रहने की अपील
इज़रायली सेना ने नागरिकों से अपील की है कि वो सुरक्षित स्थानों पर रहें। सेना का दावा है कि आयरन डोम ने कई मिसाइलों को हवा में ही निष्क्रिय कर दिया।
इजरायली सेंसरशिप: आंकड़े रोके गए
सरकार के आदेशानुसार, हताहतों की आधिकारिक संख्या रोकी गई है। पत्रकारों को क्षतिग्रस्त इलाकों की फोटोग्राफी या वीडियो बनाने से भी मना किया गया है ताकि दुश्मन को कोई रणनीतिक जानकारी न मिले।