ईरान न्यूक्लियर बम की राह पर? खामेनेई के फैसले से मचा हड़कंप, विशेषज्ञों की चेतावनी

 
ईरान न्यूक्लियर बम की राह पर? खामेनेई के फैसले से मचा हड़कंप, विशेषज्ञों की चेतावनी

नई दिल्ली — पश्चिम एशिया में तनाव एक बार फिर अपने चरम पर है। इजरायल द्वारा ईरान पर परमाणु हथियार विकसित करने के आरोप के बाद शुरू हुई 12 दिनों की जंग में अमेरिका भी कूद पड़ा। अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज स्थित तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर बंकर-बस्टर बमों से हमला किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि यह कार्रवाई ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को बर्बाद करने के लिए पर्याप्त थी। हालांकि, तेहरान ने ऐसे किसी नुकसान से इनकार किया है।

विशेषज्ञों की चेतावनी: ईरान हो सकता है और आक्रामक

परमाणु विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले से ईरान अब और खतरनाक राह पर बढ़ सकता है। देश की संसद ने IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के साथ सहयोग समाप्त करने और NPT (परमाणु अप्रसार संधि) से बाहर निकलने पर गंभीर विचार करना शुरू कर दिया है। यदि ऐसा होता है, तो ईरान की परमाणु गतिविधियों पर नजर रखना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।

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न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफरेशन एक्सपर्ट हावर्ड स्टॉफर ने कहा, “उत्तर कोरिया की तरह अब ईरान भी एक दिन पूरी तरह हथियार संपन्न न्यूक्लियर राष्ट्र बन सकता है।” वहीं, जॉन एराथ, एक और वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञ, मानते हैं कि इससे इजरायल और अन्य पड़ोसी देशों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडराएगा।

JCPOA डील का अंत और नई दिशा

2015 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते JCPOA में ईरान ने शांतिपूर्ण उपयोग के लिए न्यूक्लियर कार्यक्रम सीमित करने का वादा किया था। इसके बदले में उस पर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाए गए थे। लेकिन 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने इस डील को “बेकार” बताते हुए अमेरिका को बाहर कर लिया और ईरान पर पुनः कड़े प्रतिबंध लगा दिए।

अब, जब अमेरिका द्वारा ईरान पर हमला किया गया है, तो ईरान के सख्त रवैये से क्षेत्रीय शांति को गंभीर खतरा है। यदि ईरान NPT से बाहर हो गया, तो उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम पूरी तरह गोपनीय हो जाएगा।

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