पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाना राजद्रोह है या नहीं? जबाव जानकर आश्चर्य होगा

 
पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाना राजद्रोह है या नहीं? जबाव जानकर आश्चर्य होगा

24 अक्टूबर को खेले गए भारत-पाकिस्तान मैच में भारत 10 विकेट से पराजित हो गया। उसके बाद सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो और फोटो वायरल किया गया है। जिसमें भारत के मोहल्ले में पटाखा फोड़ने की आवाज आई है और हिंदुस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया गया है।

हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 20 फ़रवरी को 19 साल की छात्रा अमूल्या लियोना ने बेंगलुरु में सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ आयोजित विरोध-प्रदर्शन में पाकिस्तान ज़िंदाबाद का नारा लगाया था। फिर उन पर राजद्रोह यानी आईपीसी की धारा 124-A लगा दी गई और अभी वो पुलिस हिरासत में हैं।

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आपको जानकर आश्चर्य होगा कि संविधान की किसी भी धारा में इस बात का उल्लेख नहीं है कि किसी भी देश के लिए ज़िंदाबाद कहना राजद्रोह नही है। राजद्रोह तो दूर की बात, यह कोई गुनाह भी नहीं है। 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पंजाब सरकार ने दो कर्मचारियों बलवंत सिंह और भूपिंदर सिंह को 'खालिस्तान ज़िंदाबाद' और 'राज करेगा खालसा' का नारा लगाने के मामले में गिरफ़्तार किया गया।

इन पर भी आईपीसी की धारा 124-A के तहत राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था। लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो 1995 में जस्टिस एएस आनंद और जस्टिस फ़ैज़ानुद्दीन ने कहा कि इस तरह से एक दो लोगों का नारा लगाना राजद्रोह नहीं है। भारत मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक बड़ी संख्या में स्टेडियम में बैठकर 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम्' के नारे लगाते हैं। जब उस वक्त उन पर कोई सवाल नहीं उठाता तो पाकिस्तान जिंदाबाद कहने पर कोई सवाल कैसे उठा सकता है? जो उठाता है उन्हें जानने की जरूरत है कि भारत का राष्ट्रवाद इन संकीर्णताओं से ऊपर है।

https://youtu.be/GmPzE791oYA

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