UPSC सिविल सर्विस इंटरव्यू एक स्कैम है? इंडिया टुडे के बड़े पत्रकार ने लगाया इल्जाम
बात केंद्रीय लोकसेवा आयोग के टॉप 10 अभ्यर्थियों को लें कर हैं। नम्बर 1 पर जो शुभम कुमार हैं, ओबीसी वर्ग के हैं। उन्हें लिखित परीक्षा में 878 अंक मिले मगर साक्षात्कार में मात्र 176 दिए गए। वहीं नम्बर 2 पर जागृति अवस्थी को लिखित परीक्षा में 859 अंक मिले जबकि साक्षात्कार में 193।
वहीं अंकित जैन को लिखित परीक्षा में 839 और साक्षात्कार में 212 अंक की कृपा हुई मगर 5 नम्बर पर ममता यादव को लिखित परीक्षा में 855 अंक तो मिले मगर साक्षात्कार में 187 दे दिया गया।
इंडिया टुडे के पत्रकार का आरोप जानिए-
इंडिया टुडे के पूर्व संपादक और देश के बड़े पत्रकार दिलीप सी मंडल बताते हैं कि, "रिया डाबी की रिटेन में रैंक-2 हैं। इंटरव्यू के ज़रिए उनको पीछे किया गया है। उनको इंटरव्यू में सिर्फ 162 मिले हैं। शुभम कुमार का रिटेन इतना अच्छा था कि इंटरव्यू में छिलाई को झेल गए। टॉपर्स लिस्ट देखिए। इंटरव्यू में 200 से ज़्यादा नंबर सिर्फ सवर्णों को दिए गए हैं। लिखकर रख लीजिए। अगले साल से यूपीएससी इंटरव्यू के नंबर अलग से जारी नहीं करेगा। सब गोपनीय हो जाएगा। वैसे ही जैसे रिज़र्व लिस्ट गोपनीय हो गई। लोग अफ़सर बनते हैं। लिस्ट में नाम नहीं होता है।"
इससे पहले भी कई बार इंटरव्यू प्रक्रिया को लेकर सरकार बदलाव करती रही है। साक्षात्कार मतलब भाई-भतीजावाद और अपनों का चयन होता था। और भारत में जातिवादी पक्षधरता सदियों से एक बड़ी आबादी को किनारे लगाती रहती है।
ऐसे में सरकार के द्वारा यह नियम बनाना चाहिए कि किसी भी चयन में मात्र लिखित परीक्षा होनी चाहिए और अभ्यर्थियों के नाम के बजाय, कोड नम्बर लिखा जाना चाहिए।