ISRO ने 36 सैटेलाइट के साथ LVM3 रॉकेट किया लॉन्च, मिशन को नाम दिया वनवेब इंडिया-2
ISRO भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 36 वनवेब उपग्रहों के साथ लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-III) रॉकेट लॉन्च किया. रविवार यानी 26 मार्च को ब्रिटेन के 36 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए. भेजे गए सभी सैटेलाइट का कुल वजन 5805 किलोग्राम है. इस मिशन को LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 नाम दिया गया है. इनकी लॉन्चिंग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से सुबह 9.00 बजे की गई. एलवीएम3 (जीएसएलवी-एमके तीन) तीन चरणों वाला रॉकेट है, इसमें पहले चरण में तरल ईंधन, ठोस ईंधन द्वारा संचालित दो स्ट्रैप ऑन मोटर, दूसरा तरल ईंधन द्वारा और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है.
इसमें ISRO के 43.5 मीटर लंबे LVM3 रॉकेट (GSLV-MK III) का इस्तेमाल किया गया. ये ISRO का सबसे भारी रॉकेट है. इसने दूसरे लॉन्चपैड से उड़ान भरी. इस लॉन्च पैड से चंद्रयान-2 मिशन समेत पांच सफल लॉन्चिंग हो चुकी हैं. LVM3 से चंद्रयान-2 मिशन समेत लगातार पांच सफल मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं. यह इसकी छठी सफल उड़ान है.
कैसे इसका नाम पड़ा वन वेब
ब्रिटिश स्टार्ट अप कंपनी One Web में एयरटेल यानि भारती एंटरप्राइजेज भी शेयरहोल्डर है. वनवेब के साथ इसरो की दो डील हुई हैं जिसमें से एक पिछले साल हुई हैं जिसमें से एक पिछले साल हुई थी. इस रॉकेट में दूसरी बार निजी कंपनी का कोई सैटेलाइट ले जा रहा है और इसका सक्सेस रेट 100 फीसदी रहा है. पिछले साल अक्टूबर में भी ISRO ने वनबेस के 36 सैटेलाइट्स LVM3 रॉकेट के साथ लॉन्च किए थे. इस सफल अभियान से दुनिया के हर हिस्से में स्पेस आधार ब्रॉडबैंड इंटरनेट योजना में मदद मिलेगी.
इसमें ब्रिटिश सरकार, भारत की भारती इंटरप्राइजेज, फ्रांस की यूटेलसैट, जापान का सॉफ्टबैंक, अमेरिका के ह्यूज्स नेटवर्क्स और दक्षिण कोरियाई डिफेंस कंपनी हनव्हा की हिस्सेदारी है. ये सैटेलाइट आधारित सेवा मुहैया कराने वाली संचार कंपनी है. इसका मुख्यालय लंदन में है. नवेब के 36 सेटेलाइट्स फ्लोरिडा से 16 फरवरी को ही भारत आ गए थे.
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