विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट रिजेक्ट होने बाद HC पहुंची महबूबा मुफ़्ती की याचिका हुई खारिज

 
विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट रिजेक्ट होने बाद HC पहुंची महबूबा मुफ़्ती की याचिका हुई खारिज

जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का पासपोर्ट विदेश मंत्रालय ने रिन्यू करने से मना कर दिया है, क्योंकि स्थानीय पुलिस ने उन्हें खतरा बताया. जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने उनके पासपोर्ट रिन्यूवल के फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया.

विदेश मंत्रालय का पत्र मिलने के बाद महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर जोरदार हमला बोला, महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर उस पत्र को भी पोस्ट किया जिसे उन्हें श्रीनगर स्थित विदेश मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय से भेजा गया है उन्होंने लिखा, 'पासपोर्ट ऑफिस ने मुझे पासपोर्ट इश्यू करने से मना कर दिया, क्योंकि सीआईडी की रिपोर्ट में मुझे हिंदुस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया. ये है कश्मीर में सामान्य हालात की असलियत. उन्होंने कहा कि कश्मीर में अगस्त 2019 के बाद से सबकुछ सामान्य बताया जा रहा है, जिसमें अब एक पूर्व मुख्यमंत्री का पासपोर्ट रखना इतने ताकतवर देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है.'

https://twitter.com/MehboobaMufti/status/1376441284395601922?s=20

इसके बाद जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में अपनी पीआईएल लेकर पहुंची पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को वहां भी बड़ा झटका मिलते हुए याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि वह पासपोर्ट ऑथोरिटी को उन्हें पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दे. याचिका खारिज करते हुए जस्टिस अली मोहम्मद मगरे ने कहा कि पासपोर्ट बनाने का महबूबा का आवेदन श्रीनगर, पासपोर्ट ऑफिस ने खारिज किया है क्योंकि पुलिस की वेरिफिकेश रिपोर्ट उन्हें पासपोर्ट जारी करने के खिलाफ थी.

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न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, 'ऐसी परिस्थिति में मेरे विचार से इस अदालत की ओर से याचिकाकर्ता के पक्ष में पासपोर्ट जारी करने का कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता है. वैसे भी किसी व्यक्ति को पासपोर्ट जारी करने या नहीं करने का मामला अदालत में बहुत सीमित है, और वह सिर्फ संबंधित प्राधिकार को सरकार के नियमों के तहत किसी एक मामले पर विचार के लिए बोल सकती है'

https://twitter.com/ANI/status/1376554637948452868?s=20

कोर्ट ने कहा कि मुझे इस मामले में उत्तरदाताओं द्वारा अपनाई गई कार्रवाई के दौरान हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं लगता है, इसलिए याचिकाकर्ता की याचिका खारिज कर दी जाती है.

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