कार्यकर्ता से प्रधानमंत्री तक का सफर, राजनीति के शीर्ष पर 20 सालों से अजय हैं PM नरेंद्र मोदी
आज ही के दिन साल 2001 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गए थे, तब से लेकर आज तक मोदी के नाम का मैजिक पहले गुजरात में दिखाई पड़ता था अब पूरे देश में दिखाई देने लगा है, आए एक नजर डालते हैं हमारे प्रधानमंत्री के राजनीतिक कैरियर पर..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्य और केंद्र सरकार के मुखिया के रूप में अपने 20वें वर्ष में प्रवेश कर गए। इस दौरान उन्हें कोई ब्रेक नहीं मिला है। इस तरह उन्होंने एक ऐसे नेता के करियर के मामले में एक और मिसाल कायम की है, जिसकी आकर्षक अपील ने भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ी प्रतिष्ठा दिलाई है। मोदी को अचानक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से निकाल दिया गया और उन्हें ऐसे समय में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने की जिम्मेदारी दी गई जब भाजपा के भीतर असंतोष की आवाजें उठ रही थीं। ऐसे में मोदी ने गुजरात में लगातार तीन सरकारों का नेतृत्व करते हुए केंद्र में कांग्रेस के आधिपत्य को चुनौती देने के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति के शीर्ष पर पहुंचने वाले कुछ राजनेताओं में से एक हैं, जिन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा शुरू की, फिर मुख्यमंत्री बने और फिर प्रधान मंत्री बने। नरेंद्र मोदी की राज्य और केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री की भूमिका में आज 20 साल हो गए हैं। आज ही के दिन 2001 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गए थे। तब से लेकर आज तक मोदी के नाम का जादू पहले गुजरात में दिखता था, अब पूरे देश में दिख रहा है।
जब गुजरात model की हुई देशभर में चर्चा
बिजली उत्पादन जैसे कई मोर्चों पर गुजरात आत्मनिर्भर हुआ और इस तरह विकास के गुजरात मॉडल की चर्चा जोर पकड़ने लगी। गुजरात मॉडल ने नरेंद्र मोदी को इस तरह से राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया कि भाजपा ने उन्हें 2013 में अगले साल के लोकसभा चुनावों के लिए अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित कर दिया।
गुजरात से दिल्ली तक का सफर
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को पूरे देश में प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया गया था। इससे बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए कई रिकॉर्ड तोड़े, नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी उनकी आवाज और उनका जादू पूरे देश में दिखाई देता था। ऐसे में जब वे प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए तो देश की जनता ने बीजेपी को वोट देकर लोकसभा में बहुमत देकर बैठा दिया।
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी उनकी आवाज और उनका मैजिक पूरे देश में दिखाई पड़ता था, ऐसे में जब वे प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए तो भाजपा को देश की जनता ने भरपूर वोट दिया और बहुमत देकर लोकसभा में बिठाया।
RSS का मोदी कनेक्शन
नरेंद्र मोदी के 20 वर्ष तक राजनीति के शीर्ष पर रहने के पीछे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की अहम भूमिका है, प्रधानमंत्री मोदी RSS को ही अपना अभीवावक और भाजपा को अपना परिवार मानते हैं। जब गुजरात भाजपा में लोगों के सुर बगावती तेवर अपना रहे थे, इस दौरान नरेंद्र मोदी संघ में बतौर प्रचारक कार्यरत थे। इसी बीच अचानक उन्हें संघ से निकालकर गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी गई।
इसके बाद पीएम मोदी ने लगातार गुजरात में 3 बार सरकार का नेतृत्व किया, गुजरात में अपने विपक्षियों को हराकर पूरे देश में मोदी के नाम का डंका बजवाने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए योग्य पाया गया और यहीं से नरेंद्र मोदी के दिल्ली के सफर की शुरुआत होती है, फिर क्या था नरेंद्र मोदी साल 2014 में प्रचंड बहुमत से जीते और भाजपा 10 साल बाद वापस सत्ता में आई और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुना गया।
सोशल मीडिया की ताकत को बखूबी समझा
पीएम नरेंद्र मोदी इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कब और कैसे करना है। सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता को उनके आलोचक भी काबिल-ए-तारीफ मानते हैं। सोशल मीडिया पर मौजूदगी के मामले में उन्हें कुछ सबसे बड़े वैश्विक राजनेताओं की सूची में रखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ना सिर्फ भारत में ब्लकि पूरी दुनिया में सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म पर काफी पॉपुलर हैं।
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में मार्च के पहले सप्ताह में यह घोषणा की थी कि वह सोशल मीडिया अकाउंट्स को छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं, तो लोग हैरान रह गए थे। लोगों को इस बात पर हैरानी इसलिए हुई क्योंकि वे सोशल मीडिया का सबसे बेहतर इस्तेमाल करने वाले और सोशल मीडिया पर देश के सबसे 'मुखर' शीर्ष नेता रहे हैं।
जब देश में बन रहा था भाजपा के खिलाफ माहौल
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी का जादू और भी तेज हो गया और इस बार बीजेपी को पहले से बड़ा बहुमत मिला और फिर नरेंद्र मोदी को दूसरी बार प्रधानमंत्री चुना गया. इसके बाद मोदी सरकार ने एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए, धारा 370 पर लिया गया कूटनीतिक फैसला हो या फिर राम मंदिर की भूमि पूजा में शामिल होकर श्रीराम को दण्डवत नमन करना यह फैसले हमेशा के लिए एतिहासिक बन गए।
यह कहना भी गलत नहीं होगा कि भाजपा को मोदी ने अपने दम पर कई बार भँवर से निकाला है, इतना ही नहीं भाजपा ने विधानसभा से लेकर पंचायती चुनाव तक मोदी का चेहरा इस्तेमाल किया है क्योंकि कहीं ना रिकार्ड भी यही बताते हैं कि अपने 20 वर्ष के राजनैतिक कैरियर में मोदी अबतक अजेय रहे हैं। नरेंद्र मोदी को इतिहास में एक सफल प्रधानमंत्री और एक बेहतरीन राजनेता के रूप में भी जाना जाएगा।
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